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    व्यक्तित्व विकास के लिए सबसे जरूरी है मन की एकाग्रता

    By Preeti jhaEdited By:
    Updated: Fri, 20 May 2016 12:48 PM (IST)

    व्यक्तित्व विकास के लिए सबसे जरूरी है मन की एकाग्रता। एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान। ध्यान से ही इंद्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त की जा सकती है।

    व्यक्तित्व विकास के लिए सबसे जरूरी है मन की एकाग्रता। एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान। ध्यान से ही इंद्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त की जा सकती है।

    तुलसीदास के अनुसार, मीठे वचनों का बड़ा महत्व है। उनके सहारे आप किसी को भी अपना बना सकते हैं। धौंस या कठोर वचन न सिर्फ अपनों को पराया बना देते हैं, बल्कि बने हुए काम भी बिगड़ जाते हैं।

    वैज्ञानिक आइंस्टीन का कहना है कि गलती होने के डर से हमें कार्य करना नहीं छोड़ना चाहिए। जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं की, इसका मतलब है कि उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश ही नहीं की। गलती करने के बाद जब हम बार-बार प्रयास करते हैं, तभी किसी वस्तु का आविष्कार हो पाता है।

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    े यथा मां प्रपद्यंते तास्तथैव भजाम्यहम्।

    मम वर्तमानुवर्तन्ते मनुष्या: पार्थ सर्वश:॥

    अर्थ : हे अर्जुन! जो भक्त मुझे जिस प्रकार भजते हैं, मैं भी उनको उसी प्रकार भजता हूं, क्योंकि सभी मनुष्य सब प्रकार से मेरे ही मार्ग का अनुसरण करते हैं॥ 4-11॥

    भावार्थ : भगवान और भक्त में अंतर नहीं। भक्त भगवान को भजते हैं, तो भगवान भक्त को। इसका कारण है कि श्रीकृष्ण परमात्मा हैं, तो बाकी लोग उनके ही अंश हैं आत्मा के रूप में। अर्थात वही परमात्मा हमारे भीतर

    भी है। हम परमात्मा को समग्र रूप में तब पा सकते हैं, जब हम अपने अंतस की सर्वोच्चता को सिद्ध कर दें। श्रीकृष्ण कहते हैं कि वे अपने भक्तों को उसी प्रकार भजते हैं, जैसे भक्त उन्हें भजता है। अर्थात यदि अपनी आत्मा से जब कोई बुरा व्यवहार करते हैं, तो हमें ईश्वर की ओर से वैसा ही व्यवहार प्राप्त होता है। इसलिए क्यों न हम सभी के साथ अच्छा व्यवहार करें। बुराई के स्थान पर भलाई करें। यदि हमारे कर्म अच्छे नहींहोंगे, तो हमें

    परिणाम भी बुरा ही प्राप्त होगा। इसलिए हमें सदैव अपने कर्र्मों और अपने विचारों की शुद्धता का ध्यान रखना होगा। क्योंकि हमारे जितने भी कार्य हैं, उन्हें करने का जो भी तरीका हो, वह श्रीकृष्ण तक पहुंचता है। इसलिए अपनी आत्मा को शुद्ध रखकर ही हमें कोई कार्य करना चाहिए।