Shani Sade Sati: कुंभ राशि के जातक साढ़े साती से बचाव के लिए करें ये उपाय, करियर और कारोबार को मिलेगा नया आयाम
Shani Sade Sati शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्म के अनुसार फल देते हैं। अच्छे कर्म करने वाले जातक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। वहीं बुरे कर्म करने वाले जातक को ढेर सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। साढ़े साती के दौरान जातक के जीवन पर प्रतिकूल असर पड़ता है। वर्तमान समय में मकर कुंभ और मीन राशि के जातक साढ़े साती से पीड़ित हैं।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Shani Sade Sati: ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को कर्मफल दाता कहा जाता है। शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्म के अनुसार फल देते हैं। अच्छे कर्म करने वाले जातक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। वहीं, बुरे कर्म करने वाले जातक को ढेर सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिषियों की मानें तो साढ़े साती के दौरान जातक के जीवन पर प्रतिकूल असर पड़ता है। वर्तमान समय में मकर, कुंभ और मीन राशि के जातक साढ़े साती से पीड़ित हैं। कुंभ राशि में साढ़े साती का दूसरा चरण चल रहा है। इस दौरान कुंभ राशि के जातकों को अनुकूल और प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। अगर आप कुंभ राशि के जातक हैं, तो साढ़े साती के बुरे प्रभाव से बचने के लिए ये उपाय अवश्य करें। आइए जानते हैं-
साढ़े साती
वर्तमान समय में कुंभ राशि के जातकों पर साढ़े साती का दूसरा चरण चल रहा है। ज्योतिष पंचांग के अनुसार, 29 मार्च, 2025 को मकर राशि के जातक साढ़े साती से मुक्त हो जाएंगे। इसके पश्चात, कुंभ राशि के जातकों पर साढ़े साती का तीसरा चरण प्रारंभ होगा। कुंभ राशि के जातकों को 3 जून, 2027 को साढ़े साती से मुक्ति मिलेगी।
साढ़े साती के उपाय
- कुंभ राशि के स्वामी स्वयं शनिदेव हैं और आराध्य देवों के देव महादेव हैं। अतः इस राशि के जातकों पर शनि देव की विशेष कृपा बरसती है। शनिदेव का आशीर्वाद पाने के लिए कुंभ राशि के जातक अपने आराध्य शिव जी की नियमित रूप से पूजा करें। इसके लिए रोजाना स्नान-ध्यान करने के बाद जल में काले तिल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।
- साढ़े साती के बुरे प्रभाव से बचाव के लिए रोजाना शनि बीज मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जाप ऊं प्राँ प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः कम से कम 21 बार जरूर करें।
- मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी की पूजा करने से भी शनि दोष से मुक्ति मिलती है। अतः रोजाना हनुमान जी की पूजा उपासना करें। इस दौरान हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें।
- शनिवार के दिन भूलकर भी बाल न कटवाएं और न ही तामसिक भोजन ग्रहण करें। ऐसा करने से शनिदेव अप्रसन्न हो जाते हैं। अतः शनिवार के दिन इन चीजों से परहेज करें।
डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
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