Moti or Pearl in Gemology: खूबसूरत ही नहीं उपयोगी जेमस्टोन भी है मोती
खूबसूरती बढ़ाने के लिए अक्सर हम अपने गहनों की मदद लेते हैं। इन दिनों गहनों में रत्नों के उपयोग का चलन काफी बढ़ गया है। जेवरों की सुंदरता बढ़ाने के साथ ही रत्नों का रत्न शास्त्र में भी अपना अलग महत्व है।
नई दिल्ली, Moti Gemstone: जिन जेमस्टोन को हम बड़े शौक से अपने जेवरओं में जड़वा कर पहनना पसंद करते हैं, वह सिर्फ कीमती ही नहीं बल्कि बहुत उपयोगी भी होते हैं। रत्न शास्त्र के अनुसार ऐसा ही एक मूल्यवान पत्थर है, मोती। आइए जानें कैसे हमारे ग्रहों को प्रभावित करता है मोती।
किस ग्रह से है मोती का रिश्ता
रत्न शास्त्री मानते हैं की मोती सबसे ज्यादा चंद्रमा को प्रभावित करता है। यानी मोती को धारण करने से हमारी कुंडली में स्थित चंद्रमा नियंत्रित होता है। पंडित दीपक पांडे का मानना है कि मोती धारण करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति सही होती है और उसके दुष्प्रभाव से व्यक्ति की रक्षा होती है।
मिलती है लक्ष्मी की कृपा
ज्योतिषियों के अनुसार मोती का धन की देवी लक्ष्मी से गहरा संबंध है। वह कहते हैं कि जो लोग रत्नों के रूप में मोती धारण करते हैं, उनके जीवन में लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और वे धन-संपत्ति के अभाव से सुरक्षित रहते हैं।
कौन पहने मोती
पंडित जी के अनुसार मोती रत्न को कर्क, धनु और मीन राशि के लोग पहन सकते हैं। इसके अलावा जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा उच्च स्थिति में हो उन्हें भी मोती धारण करना चाहिए। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा छठे, आठवें या बारहवें भाव में उपस्थित है, उनके लिए भी मोती पहनना लाभकारी हो सकता है।
इस स्थिति में ना पहने मोती
सफेद या क्रीम रंग का मोती ही सही मोती है, और वही पहनना लाभकारी होता है। इसके साथ ही जो लोग मोती पहनते हैं, उन्हें इसके साथ नीलम और गोमेद जैसे जेमस्टोन नहीं पहनने चाहिए। जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा नीच की स्थिति में हो उनके लिए भी मोती धारण करना सही नहीं माना जाता।
टेंशन फ्री करता है पर्ल
मोती पहनने वाले टेंशन फ्री रहते हैं। क्योंकि इसको पहनने से कन्फ्यूजन और उलझनें दूर होती है। जो लोग फूड बिजनेस में हैं, उन्हें भी मोती पहनना चाहिए। मोती पहनने से आपके इमोशन और थॉट्स कंट्रोल होते हैं। जिसके चलते आपको गुस्सा कम आता है, क्योंकि मोती का मूल प्रभाव ठंडा होता है। इसी कारण इसे चंद्रमा के साथ संबंधित माना जाता है।
सोमवार है पहनने का सही दिन
मोती को कभी भी और कहीं भी पहनने से इसका समुचित लाभ नहीं मिलता। इसलिए हमेशा सोमवार की सुबह या पूर्णिमा के दिन मोती पहनना चाहिए। मोती को पहनने से पहले इस से बनी अंगूठी को पंचामृत में भिगो दें। बाद में गंगाजल से धो लें। इसके बाद ही पहनें। मोती को हमेशा चांदी की धातु में ही पहनने की सलाह दी जाती है। साथ ही जो मोती आप धारण कर रहे हैं. वह सात या सवा आठ से कम रत्ती का नहीं होना चाहिए।
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