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    Paush Kalashtami 2024 Yog: पौष कालाष्टमी पर दुर्लभ त्रिपुष्कर योग' समेत बन रहे हैं कई मंगलकारी संयोग

    सनातन धर्म में कालाष्टमी पर्व का विशेष महत्व है। यह पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि (Paush Kalashtami 2024 Date) को मनाया जाता है। इस दिन काल भैरव देव की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त कालाष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक को जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 15 Dec 2024 08:16 PM (IST)
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    Paush Kalashtami 2024 Yog: काल भैरव देव को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 22 दिसंबर को पौष माह की कालाष्टमी है। यह पर्व भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव देव को समर्पित है। इस शुभ तिथि पर काल भैरव देव की पूजा की जाती है। साथ ही विशेष काम में सफलता पाने के लिए व्रत रखा जाता है। ज्योतिषियों की मानें तो पौष महीने की कालाष्टमी पर दुर्लभ त्रिपुष्कर योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी। साथ ही सभी बिगड़े काम भी बन जाएंगे। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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    कालाष्टमी शुभ मुहूर्त (Kalashtami Shubh Muhurat)

    पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 22 दिसंबर को दोपहर 02 बजकर 31 मिनट पर होगी। वहीं, अष्टमी तिथि का समापन 23 दिसंबर को शाम 05 बजकर 07 मिनट पर होगा। काल भैरव देव की पूजा निशा काल में की जाती है। इसके लिए 22 दिसंबर को पौष महीने की कालाष्टमी मनाई जाएगी।

    त्रिपुष्कर योग

    पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर त्रिपुष्कर योग का संयोग बन रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 07 बजकर 31 मिनट से हो रहा है। वहीं, समापन दोपहर 02 बजकर 31 मिनट पर होगा। ज्योतिष त्रिपुष्कर योग को बेहद उत्तम मानते हैं। इस योग में भगवान शिव की पूजा और जलाभिषेक करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आएगी।

    आयुष्मान योग

    पौष माह की कालाष्टमी पर आयुष्मान का संयोग बन रहा है। यह योग संध्याकाल 07 बजे तक है। इसके बाद सौभाग्य योग का निर्माण हो रहा है। आयुष्मान और सौभाग्य में काल भैरव देव की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। साथ ही मनचाही मुराद पूरी होगी। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी दिन भर है।

    करण एवं नक्षत्र

    पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही बव एवं बालव करण के योग बन रहे हैं। कुल मिलाकर कहें तो पौष माह की कालाष्टमी पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में काल भैरव देव की उपासना करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।

    पंचांग

    सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 10 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 30 मिनट पर

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 21 मिनट से 06 बजकर 16 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 03 मिनट से 03 बजकर 44 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 27 मिनट से 05 बजकर 44 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 53 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।