Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Paush Kalashtami 2024: इन शुभ योग में मनाई जा रही है मासिक कालाष्टमी, नोट करें पूजन विधि

    Updated: Sun, 22 Dec 2024 10:09 AM (IST)

    हिंदू धर्म में मासिक कालाष्टमी का व्रत बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन लोग भगवान भैरव ( Lord Bhairav Baba) की पूजा करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो साधक इस दिन का उपवास रखते हैं उनका कल्याण होता है। साथ ही जीवन की सभी बाधाएं समाप्त होती हैं। बता दें इस साल की अंतिम मासिक कालाष्टमी (Kalashtami 2024) 22 दिसंबर यानी आज मनाई जा रही है।

    Hero Image
    Paush Kalashtami 2024: मासिक कालाष्टमी पूजन नियम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। मासिक कालाष्टमी का दिन बेहद विशेष माना जाता है। यह दिन भगवान काल भैरव की पूजा के लिए सबसे शुभ दिनों में से एक है, जो भगवान शंकर का उग्र रूप हैं। हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार पौष माह में यह तिथि 22 दिसंबर 2024 यानी आज मनाई जा रही है। कहते हैं कि इस दिन व्रत करने से जीवन के सभी दुखों और पापों से छुटकारा मिलता है, तो इसकी (Paush Kalashtami 2024 Puja Rules) पूजा विधि और शुभ मुहूर्त जानते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इन शुभ योग में करें पूजा (Paush Kalashtami 2024 Puja Samay)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, मासिक कालाष्टमी पर त्रिपुष्कर योग सुबह 07 बजकर 10 मिनट से दोपहर 02 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन रहेगा। वहीं, विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 53 मिनट से 02 बजकर 36 मिनट तक रहेगा। फिर गोधूलि मुहूर्त शाम 05 बजकर 27 मिनट से 05 बजकर 54 मिनट तक रहेगा।

    इसके अलावा निशिता मुहूर्त रात्रि 11 बजकर 53 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। माना जाता है कि ये सभी मुहूर्त पूजा और किसी भी प्रकार के नए कार्य के लिए शुभ माने जाते हैं।

    यह भी पढ़ें: Somvati Amavasya पर राशि अनुसार करें भगवान शिव का अभिषेक, खुशियों से भर जाएगा जीवन

    मासिक कालाष्टमी की पूजन विधि (Paush Kalashtami 2024 Puja Vidhi)

    सुबह जल्दी उठें और स्नान करें। इसके बाद साफ कपड़े पहनें। पूजा घर की साफ-सफाई करें। एक चौकी पर भैरव बाबा की प्रतिमा स्थापित करें। फिर पंचामृत और गंगाजल से उनका अभिषेक करें। इसके बाद उनकी प्रतिमा को साफ वस्त्र से पोंछे। उन्हें इत्र लगाएं और फूल, माला आदि चीजें अर्पित करें। चंदन का तिलक लगाएं। फल, मिठाई और घर पर बनी मिठाई का भोग लगाएं। फिर भगवान काल भैरव के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं और काल भैरव अष्टक का पाठ करें।

    आरती से पूजा का समापन करें। अंत में पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा प्रार्थना करें, जो लोग व्रत कर रहे हों वे प्रसाद व सात्विक भोजन से अपना व्रत खोलें। इसके साथ ही कुछ दान-दक्षिणा जरूर करें।

    भैरव बाबा की इन मंत्रों से करें उपासना (Paush Kalashtami 2024 Kaal Bhairav Mantra)

    • ॐ काल भैरवाय नमः।।
    • ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नमः।।

    यह भी पढ़ें: Kalashtami पर करें भैरव बाबा के साथ शिव जी की पूजा, होगा सभी दुखों का अंत

    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।