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    Paush Amavasya 2024: साल 2024 की पहली पौष अमावस्या पर करें ये काम, मिलेगा पितृ दोष से छुटकारा

    Paush Amavasya 2024 सनातन धर्म में अमावस्या की तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की 15 वीं तिथि अमावस्या तिथि कहलाती है। पौष माह में पड़ने वाली अमावस्या साल 2024 की पहली अमावस्या होगी। ऐसे में आइए जानते हैं कि पौष अमावस्या पर किन कार्यों द्वारा पितरों को प्रसन्न किया जा सकता है।

    By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 04 Jan 2024 10:45 AM (IST)
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    Paush Amavasya 2024: पौष अमावस्या इस कार्यों से मिलेगा पितृ दोष से छुटकारा।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Paush Amavasya 2024 Date: माना जाता है कि किसी व्यक्ति को पितृ दोष लगने पर कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आप पौष माह पितरों को समर्पित माना जाता है, इसलिए इसे ‘छोटा श्राद्ध पक्ष’ भी कहा जाता है। वहीं, अमावस्या तिथि भी पितरों को प्रसन्न करने के लिए उत्तम मानी गई है। ऐसे में आप पौष अमावस्या के दिन कुछ उपायों द्वारा पितृ दोष से मुक्ति पा सकते हैं।

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    पौष अमावस्या शुभ मुहूर्त ( Paush Amavasya Shubh Muhurat)

    पौष माह की अमावस्या तिथि 10 जनवरी, 2024 को रात 08 बजकर 10 मिनट पर शुरू हो रही है। साथ ही इसका समापन 11 जनवरी को शाम 05 बजकर 26 मिनट पर होगा। ऐसे में साल 2024 की पौष अमावस्या 11 जनवरी, गुरुवार के दिन मनाई जाएगी।

    जरूर करें ये काम

    पौष माह की अमावस्या तिथि को पूर्वजों के निमित्त तर्पण, पिंडदान, पवित्र नदी में स्नान व अर्घ्य जरूर देना चाहिए। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही इस दिन दान आदि करना भी बहुत-ही शुभ माना जाता है। इस सभी कार्यों से व्यक्ति पितृ दोष से छुटकारा पा सकता है।

    इस तरह दें सूर्य को अर्घ्य

    पौष मास सूर्य देव की पूजा के लिए भी समर्पित माना जाता है। ऐसे में पौष अमावस्या के दिन सूर्योदय के समय एक लोटे में जल लेकर उसमें लाल रंग के फूल और काले तिल डालें। इसके बाद अपने पितरों का ध्यान करते हुए सूर्य देव को जल अर्पित करें। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है।

    मिलेगा पितरों का आशीर्वाद

    पीपल के पेड़ में पितरों का वास माना गया है। ऐसे पौष अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें और जल अर्पित करें। ऐसा करने से व्यक्ति को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ पौष अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त अपनी क्षमता के अनुसार, जरूरतमंदों में चावल, दूध, गर्म कपड़े बांटे और उन्हें भरपेट भोजन कराएं। ऐसा करने से व्यक्ति पर पितरों की दया दृष्टि बनी रहती है।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी