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    Pauranik Kathayen: श्री राम से ही नहीं बल्कि इन 4 से भी बुरी तरह हारा था लंकापति रावण

    By Shilpa SrivastavaEdited By:
    Updated: Sun, 01 Nov 2020 12:35 PM (IST)

    Pauranik Kathayen यह तो जगजाहिर है कि श्रीराम ने रावण का वध किया था। अधिकतर लोग यही जानते हैं कि रावण केवल श्रीराम से ही हारा था। लेकिन रावण केवल श्रीराम से ही नहीं बल्कि शिवजी राजा बलि बालि और सहस्त्रबाहु से भी पराजित हो चुका था।

    Pauranik Kathayen: श्री राम से ही नहीं बल्कि इन 4 से भी बुरी तरह हारा था लंकापति रावण

    Pauranik Kathayen: यह तो जगजाहिर है कि श्रीराम ने रावण का वध किया था। अधिकतर लोग यही जानते हैं कि रावण केवल श्रीराम से ही हारा था। हालांकि, इसे लेकर भी कई कथाएं प्रचलित हैं कि रावण केवल श्रीराम से ही नहीं बल्कि शिवजी, राजा बलि, बालि और सहस्त्रबाहु से भी पराजित हो चुका था। जागरण अध्यात्म के इस लेख में हम आपको इन्हीं तीनों की पौराणिक कथा बता रहे हैं।

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    शिवजी से रावण की हार:

    रावण को अपनी शक्ति का बहुत घमंड था। इसी घमंड में वो शिवजी को हराने के लिए कैलाश पर्वत पर पहुंच गया था। उसने शिवजी को ललकारा था कि वो उससे युद्ध करे। रावण ने कैलाश पर्वत को उठाना चाहा लेकिन शिवजी ने पैर के अंगूठे से ही कैलाश का भार बहुत ज्यादा बढ़ गया था। यह भार इतना ज्यादा था कि रावण कैलाश को उठा नहीं सका और हाथ उसका हाथ पर्वत के नीचे दब गया। रावण ने बहुत कोशिश की लेकिन वो अपना हाथ पर्वत के नीचे से नहीं निकाल पाया। ऐसे में रावण ने शिवजी को प्रसन्न करना चाहा। उसने वहीं पर शिव तांडव स्त्रोत रच दिया। यह देख शिवजी काफी प्रसन्न हो गए और रावण को मुक्त कर दिया। इसके बाद रावण ने शिवजी को अपना गुरु बना लिया।

    बालि से रावण की हार:

    इसी तरह अपने घमंड में चूर रावण एक बार बालि से युद्ध करने पहुंचा। उस समय बालि पूजा कर रहा था। रावण बार-बार बालि को ललकार रहा था। इससे बालि को पूजा करने में मुश्किल आ रही थी। लेकिन रावण नहीं माना और लगातार बालि को युद्ध के लिए ललकार रहा था। बालि ने रावण को अपनी बाजू में दबाया और चार समुद्रों की परिक्रमा की। बालि बहुत शक्तिशाली था। बालि की चाल इतनी तेज थी कि वह हर रोज सुबह-सुबह ही चारों समुद्रों की परिक्रमा पूरी कर लेता था। इसके बाद ही वो सूर्य को अर्घ्य देता था। रावण की कई कोशिशों के बाद भी वह बालि से खुद को नहीं छुड़ा पा रहा था। पूजा पूरी करने के बाद बालि ने रावण को छोड़ दिया था।

    सहस्त्रबाहु अर्जुन से रावण की हार:

    मान्यता है कि सहस्त्रबाहु अर्जुन के एक हजार हाथ थे। यही वजह थी कि इनका नाम सहस्त्रबाहु पड़ा। एक बार रावण ने सहस्त्रबाहु अर्जुन को युद्ध के लिए ललकारा। तब सहस्त्रबाहु अर्जुन ने हाथों से नर्मदा नदी के बहाव को रोक दिया था। फिर उन्होंने नर्मदा का पानी एकत्रित किया और रावण की सेना पर छोड़ दिया। इससे रावण पूरी सेना के साथ ही नर्मदा में बह गया था। सहस्त्रबाहु अर्जुन से हारने के बाद भी वो फिर युद्ध करने पहुंचा था तब सहस्त्रबाहु ने उसे बंदी बनाकर जेल में डाल दिया था।

    राजा बलि के महल में रावण की हार:

    एक बार रावण पाताल लोक के राजा दैत्यराज बलि से युद्ध करने पहुंचा। रावण ने बलि को युद्ध के लिए ललकारा। उस समय बलि के महल में कुछ बच्चे खेल रहे थे उन्होंने ही रावण को पकड़कर घोड़ों के साथ अस्तबल में बांध दिया। इस तरह राजा बलि के महल में भी रावण की हार हुई थी।

    डिसक्लेमर

    'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '  

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