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    Pauranik Katha: शनिदेव को क्यों चढ़ाया जाता है सरसों का तेल? पढ़ें यह पौराणिक कथा

    By Shilpa SrivastavaEdited By:
    Updated: Sun, 17 Jan 2021 06:31 AM (IST)

    Pauranik Katha आज शनिवार है। आज का दिन शनिदेव को समर्पित है। इन्हें कर्म फलदाता कहा गया है। क्योंकि शनिदेव लोगों को उनके कर्मों के अनुसार ही फल देते ह ...और पढ़ें

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    Pauranik Katha: शनिदेव को क्यों चढ़ाया जाता है सरसों का तेल? पढ़ें यह पौराणिक कथा

    Pauranik Katha: आज शनिवार है। आज का दिन शनिदेव को समर्पित है। इन्हें कर्म फलदाता कहा गया है। क्योंकि शनिदेव लोगों को उनके कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, व्यक्ति के हर फल का हिसाब शनिदेव के पास ही होता है। शनिवार के दिन शनिदेव को सरसों का सरसों का तेल चढ़ाया जाता है। लेकिन ऐसा क्यों किया जाता है यह शायद हर किसी को नहीं पता होगा। जागरण अध्यात्म के इस लेख में हम आपको यह बता रहे हैं कि आखिर शनि देव को सरसों का तेल क्यों चढ़ाया जाता है। इसके पीछे कई कथाएं हैं जिनमें से पौराणिक कथा हम आपको बता रहे हैं।

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    पहली धार्मिक कथा के अनुसार, सभ ग्रहों को रावण ने अपने बल से बंदी बना लिया था। इनमें शनिदेव भी शामिल थे। रावण अपने अहंकार में अधिक चूर था और इसी के चलते उसने शनिदेव को कारागार में उल्टा लटका दिया था। इसी दौरान माता सीता की खोज में हनुमान जी श्रीराम के दूत बनकर लंका पहुंचे थे। लेकिन रावण ने हनुमान जी की पूंछ में आग लगा दी और हनुमान जी ने उससे पूरी लंका जला दी।

    जब पूरी लंका जल गई तो सारे ग्रह भी मुक्त हो गए। लेकिन शनिदेव उल्टे ही लटके रहे। ऐसे में वो मुक्त नहीं हो पाए। वो काफी समय से उल्टा लटका थे इसी के चलते उनका शरीर बहुत दर्द कर रहा था। उन्हें असहनीय पीड़ा हो रही थी। शनिदेव को इस पीड़ा से मुक्ति दिलाने के लिए हनुमान जी ने शनि देव के शरीर पर सरसों के तेल की मालिश की। मालिश से शनिदेव को दर्द से राहत मिल गई। फिर शनिदेव ने कहा कि जो भी सच्चे मन से उन्हें सरसों का तेल चढ़ाएगा उसकी सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी। बस तभी से शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई।

    डिसक्लेमर

    'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'