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    Paryushan Parva 2023: जैन धर्म का महापर्व कहलाता है पर्युषण, जानें श्वेतांबर और दिगंबर कब मनाएंगे ये पर्व

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Tue, 19 Sep 2023 10:44 AM (IST)

    Jain Paryushan Parva 2023 पर्युषण पर्व के दौरान जैन धर्म के लोग 10 दिनों तक व्रत उपवास तप आदि करते हैं। इसके साथ ही अपने आराध्य महावीर जी की पूजा करते हैं। जैन धर्म में श्वेतांबर जैन और दिगंबर जैन इस पर्व को अलग-अलग तिथियों पर मनाते हैं। आइए जानते हैं कि दोनों मतावलंबी किस दिन पर्युषण का पर्व मनाएंगे।

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    Paryushan Parva 2023 जानिए पर्युषण पर्व का महत्व।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Paryushan in Hindi: पर्यूषण पर्व, जैन समाज का एक महत्वपूर्ण पर्व है। जैन धर्म के लोग भाद्रपद मास में पर्यूषण पर्व मनाते हैं। पर्युषण में परि का अर्थ है चारों ओर से वहीं, उषण का अर्थ होता है धर्म की अराधना। पर्युषण का अर्थ हुआ चारों ओर से धर्म की अराधना। आइए जानते हैं पर्युषण का महत्व और परंपरा।

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    इस दिन मनाया जाएगा यह पर्व

    जैसा कि हम जानते हैं जैन धर्म में दो पंथों में बटा हुआ है, एक श्वेतांबर जैन और दूसरा दिगंबर जैन। श्वेतांबर जैन पर्यूषण के पर्व को भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि से लेकर भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि तक मनाते हैं। ऐसे में श्वेतांबर, 12 सितंबर 2023 से  19 सितंबर 2023 तक पर्युषण का पर्व मनाएंगे। दिगंबर जैन का पर्युषण पर्व 10 दिनों तक चलता है। इसकी शुरुआत 19 सितंबर 2023 को होगी और 29 सितंबर 2023 को इसका समापन होगा।

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    पर्युषण पर्व का महत्व (Importance of Paryushan)

    पर्युषण का पर्व जैन धर्म के सबसे महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है। इसे महापर्व भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है जिस दौरान भगवान महावीर ने शिक्षा दी थी उस समय को ही पर्युषण पर्व कहा गया था। इस महापर्व के दौरान जैन समाज के लोग भक्ति भाव के साथ अभिषेक, विशेष पूजा अर्चना, आराधना, तप, ध्यान करते हैं।

    पर्युषण का पर्व यह साधक को उत्तम गुण अपनाने की प्रेरणा देता है। इन दस दिनों में जैन धर्म के लोग व्रत, तप, साधना करके आत्मा की शुद्धि का प्रयास करते हैं। साथ ही यह भी माना जाता है कि सालभर के सांसारिक क्रिया-कलापों के कारण जीवन में जो भी दोष आ जाते हैं उन्हें यह पर्व दूर करने का काम करता है।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'