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    Parivartini Ekadashi 2023: 25 या 26 सितंबर, कब रखा जाएगा परिवर्तिनी एकादशी व्रत?

    By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo Mishra
    Updated: Sat, 23 Sep 2023 12:46 PM (IST)

    Parivartini Ekadashi 2023 हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी तिथि के दिन भगवान विशु की उपासना करने से साधक को लाभ प्राप्त होता है। बता दें कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन परिवर्तिनी एकादशी रखा जाता है। वहीं कुछ लोगों को परिवर्तिनी एकादशी की तिथि को लेकर कुछ दुविधाएं बनी हुई है।

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    Parivartini Ekadashi 2023: इस दिन रखा जाएगा परिवर्तिनी एकादशी व्रत।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Parivartini Ekadashi 2023: सनातन धर्म में एकादशी व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से साधक को सुख-समृद्धि एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। बता दें कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन परिवर्तिनी एकादशी व्रत रखा जाएगा। इस विशेष दिन पर श्रीहरि की उपासना करने से व्यक्ति को सौभाग्य और पुण्य की प्राप्ति होती है। बता दें कि इस वर्ष परिवर्तिनी एकादशी की तिथि को लेकर कुछ लोगों में दुविधा की स्थिति है। आइए जानते हैं, कब रखा जाएगा परिवर्तिनी एकादशी व्रत, शुभ योग और पूजा मुहूर्त?

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    परिवर्तनी एकादशी व्रत 2023 तिथि

    वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 25 सितंबर सुबह 07 बजकर 55 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 26 सितंबर सुबह 05 बजकर 01 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में पार्श्व एकादशी व्रत 25 सितंबर 2023, सोमवार के दिन रखा जाएगा। वहीं गौण पार्श्व एकादशी व्रत 26 सितंबर 2023, मंगलवार के दिन रखा जाएगा। बता दें कि कभी-कभी एकादशी व्रत लगातार 2 दिन रखा जाता है। जो स्मार्त नियमों का पालन करते हैं, उन्हें पहले दिन व्रत रखना चाहिए। वहीं सन्यासी, विधवा महिलाएं और मोक्ष प्राप्ति के इच्छुक लोगों को दूसरे दिन एकादशी रखना चाहिए। इसे दूजी एकादशी नाम से भी जाना जाता है।

    परिवर्तिनी एकादशी व्रत 2023 पूजा मुहूर्त

    पंचांग में बताया गया है कि परिवर्तिनी एकादशी व्रत के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है। बता दें कि सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर 11 बजकर 55 मिनट से 26 सितंबर सुबह 06 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। वहीं रवि योग सुबह 06 बजकर 11 मिनट से दोपहर 11 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। इसी के साथ सुकर्मा योग दोपहर 03 बजकर 30 मिनट से शुरू होगा। इस दिन उत्तराषाढा नक्षत्र का भी निर्माण हो रहा है, जो दोपहर 11 बजकर 55 मिनट तक रहेगा और इसके बाद श्रवण नक्षत्र शुरू हो जाएगा। बता दें कि इन सभी मुहूर्त को मांगलिक कार्यों के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।

    परिवर्तिनी एकादशी व्रत महत्व

    शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि जो व्यक्ति एकादशी व्रत रखता है, उन्हें जीवन में कई प्रकार के संकटों से मुक्ति प्राप्त हो जाती है। बता दें की परिवर्तिनी एकादशी में भगवान विष्णु और भगवान गणेश की उपासना का अवसर श्रद्धालुओं को प्राप्त होगा। मान्यता है कि इस दिन उपवास रखने से वाजपेई यज्ञ और स्वर्ण दान के समान पुण्य की प्राप्ति होती है। इस विशेष दिन पर वामन देव की भी उपासना की जाती है।

    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहे।