Parama Ekadashi 2023: परमा एकादशी पर विशेष कार्यों को करने से होगा लाभ, बस इन नियमों का रखें ध्यान
Parama Ekadashi vrat 2023 अधिक मास की दूसरी एकादशी अर्थात परमा एकादशी का व्रत आज 12 अगस्त 2023 शनिवार को पड़ रहा है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह एकादशी दुर्लभ सिद्धियों की दाता है। इस व्रत को करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। आइए जानते हैं कि परमा एकादशी पर किन नियमों का ध्यान रखना जरूरी है।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Parama Ekadashi 2023: सनातन धर्म में परमा एकादशी का विशेष महत्व है। यह एकादशी हर तीन साल में एक बार आती है। इस बार परमा एकादशी पर बहुत ही शुभ संयोग बन रहा है, जिसमें भगवान विष्णु के साथ-साथ महादेव का आशीर्वाद प्राप्त होग।
परमा एकादशी का महत्व (Parama Ekadashi vrat Significance)
परमा एकादशी को दुर्लभ सिद्धियों की दाता माना गया है। शास्त्रों में परमा एकादशी का व्रत 5 दिनों तक करने का विधान है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस व्रत को करने से कुबेर को भगवान शिव ने धन का अध्यक्ष बना दिया था और इस व्रत के द्वारा ही सत्यवादी राजा हरिश्चन्द्र को पुत्र, स्त्री और राज्य की प्राप्ति हुई थी। इस व्रत के पांच दिनों में अपनी क्षमता अनुसार- स्वर्ण दान, विद्या दान, अन्न दान, भूमि दान और गौ दान करने का विधान है।
जरूर करें ये काम
परमा एकादशी के दिन प्रात: उठकर, स्नान कर साफ कपड़े पहनकर इसके बाद घर को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें और भगवान विष्णु की पूजा करें। इस दिन दान का विशेष महत्व है, इसलिए इस दिन अन्न, पीले वस्त्र जैसी चीजें का दान करें।
ऐसा करने से भगवान विष्णु जी की दया दृष्टि आपके ऊपर बनी रहती है। एकादशी के दिन पूजा के समय भगवान विष्णु को तुलसी जरूर अर्पित करें। एकादशी के दिन सात्विक भोजन करना चाहिए। पहले श्री हरि को भोजन का भोग लगाएं उसके बाद ही अन्न ग्रहण करें।
इन कामों को करने से बचें
शास्त्रों में कुछ ऐसे कार्य भी बताए गए हैं जिन्हें एकादशी के दिन करना वर्जित माना गया है। इस दिन चावल का सेवन करना शुभ नहीं माना जाता। इस दिन क्रोध करने से बचना चाहिए। इसके साथ ही ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। एकादशी तिथि के दिन बाल और नाखून नहीं काटने चाहिए। इस दिन झाड़ू लगाना भी वर्जित माना जाता है क्योंकि इससे छोटे जीवों की हत्या हो सकती है।
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