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    Papankusha Ekadashi 2024: 13 या 14 अक्टूबर, कब है पापांकुशा एकादशी? जानें सही डेट और शुभ मुहूर्त

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sun, 13 Oct 2024 09:04 AM (IST)

    ज्योतिषियों की मानें तो आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि (Papankusha Ekadashi 2024 Date) पर रवि योग का निर्माण हो रहा है। साथ ही इस तिथि पर गर और वणिज करण के भी संयोग बन रहे हैं। इन योग में जगत के पालनहार भगवान विष्णु एवं मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को जीवन में कई तरह के लाभ देखने के मिलते हैंं।

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    Papankusha Ekadashi 2024: पापांकुशा एकादशी का धार्मिक महत्व।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर वर्ष दशहरा के अगले दिन पापांकुशा एकादशी (ekadashi in october 2024) मनाई जाती है। यह दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा होती है। इसके साथ ही उनके निमित्त एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूर्ण होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। पापांकुशा एकादशी (Ekadashi Vrat Kab Hai) की तिथि को लेकर लोग (साधक) दुविधा में हैं। ऐसे में आइए जानते हैं, पापांकुशा एकादशी की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त-

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    पापांकुशा एकादशी शुभ मुहूर्त (Papankusha Ekadashi Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि रविवार 13 अक्टूबर को भारतीय समयानुसार सुबह 09 बजकर 08 मिनट पर शुरू हुई है और सोमवार 14 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगी। 14 अक्टूबर को द्वादशी तिथि है।

    कब है पापांकुशा एकादशी ?

    सनातन धर्म में सूर्य उदय से तिथि की गणना होती है। उदया तिथि के अनुसार,आज यानी 13 अक्टूबर को पापांकुशा एकादशी व्रत किया जा रहा है। कई बार दो दिन एकादशी मनाई जाती है। इनमें पहले दिन सामान्य जन एकादशी का व्रत रखते हैं। वहीं, दूसरे दिन वैष्णव समाज के अनुयायी व्रत रखते हैं। इस तरह सामान्य जन 13 अक्टूबर को एकादशी का व्रत रख सकते हैं। इसके अगले दिन 14 अक्टूबर को पारण कर सकते हैं। साधक 14 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 16 मिनट से लेकर 03 बजकर 34 मिनट के मध्य पारण कर सकते हैं। वैष्णव समाज के अनुयायी 14 अक्टूबर को पापांकुशा एकादशी का व्रत रखेंगे।

    पंचांग

    सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 21 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 53 मिनट पर

    चंद्रोदय- दोपहर 03 बजकर 20 मिनट पर

    चंद्रास्त- देर रात 02 बजकर 33 मिनट पर ( 14 अक्टूबर)

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 41 मिनट से 05 बजकर 31 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 02 मिनट से 02 बजकर 49 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 53 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 42 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।