Panchak September 2022: आज से शुरू हुआ चोर पंचक,अगले 5 दिन बिल्कुल न करें ये कार्य
Panchak September 2022 ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा के कुंभ और मीन राशि में प्रवेश होने पर पंचक लगता है। पंचक की अवधि 5 दिन के लिए होती है। इस दौरान कुछ मांगलिक कामों को करने की मनाही होती है।

नई दिल्ली, Panchak 2022 September: पंचांग के अनुसार, जब चंद्रमा घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र में होता है तो पंचक लगता है। इसके अलावा जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशि में प्रवेश करता है, तो भी 'पंचक' लगता है।
हिंदू धर्म में किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य को आरंभ करने से पहले शुभ मुहूर्त जरूर देखा जाता है। शुभ मुहूर्त नक्षत्रों की गणना करके बताया जाता है। शुभ नक्षत्र होने पर ही मांगलिक कार्य करना अच्छा माना जाता है। ऐसे ही हर मास में 5 दिनों के लिए अशुभ मुहूर्त होता है जिसमें कुछ कामों को करने की मनाही होती है। इन पांच दिनों को पंचक के नाम से जानते हैं। पंचक चंद्रमा की स्थिति के हिसाब से लगता है। जानिए पंचक तिथि, प्रकार और कौन से काम की है मानही।
कब से शुरू हो रहे पंचक?
हिंदू पंचांग के अनुसार, 9 सितंबर 2022, शुक्रवार को सुबह 12 बजकर 39 मिनट से शुरू होकर 13 सितंबर 2022, मंगलवार का सुबह 6 बजकर 36 मिनट तक पंचक रहेंगे।
लग रहा है चोर पंचक
पंचांग के अनुसार, सप्ताह के वार के हिसाब से पंचक का नाम रखा जाता है। इस बार शुक्रवार को पड़ रहा है इसलिए इसे चोर पंचक कहा जाएगा। चोर पंचक के दौरान कई मांगलिक कार्यों को करनी की मनाही होती है।
पंचक के दौरान न करें ये काम
शास्त्रों में पंचकों के दौरान कुछ कामों को करने की मनाही है। इस बारे में एक शअलोक में बताया गया है।
'अग्नि-चौरभयं रोगो राजपीडा धनक्षतिः।
संग्रहे तृण-काष्ठानां कृते वस्वादि-पंचके।।
इस श्लोक का अर्थ है कि पंचक में तिनकों और काष्ठों का संग्रह से अग्निभय, चोर भय, रोगभय, राजभ. और धन हानि होना संभव है।
इस श्लोक के अनुसार, पंचक के दौरान 5 कामों को करने की मनाही है। पहली लंकड़ी को एकत्र करना या फिर खरीदना। दूसरा मकान में छत डलवाना। तीसरा शव का अंतिम संस्कार करना। चौथा पंलग या चारपाई बनाना और पांचवा दक्षिण दिशा की ओर यात्रा करना।
पंचक के प्रकार
- रविवार को पड़ने वाले पंचक को रोग पंचक कहते हैं।
- सोमवार को पड़ने वाला पंचक राज पंचक कहलाता है।
- मंगलवार को पड़ने वाले पंचक को अग्नि पंचक कहते हैं।
- शुक्रवार को पड़ने वाले पंचक को चोर पंचक कहते है।
- शनिवार को पड़ने वाला पंचक मृत्यु पंचक कहलाता है।
- बुधवार और गुरुवार को पड़ने वाले पंचक के दौरान पांच कामों के अलावा किसी भी तरह के शुभ काम किए जा सकते हैं।
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