नई दिल्ली, Panchak January 2023: पंचांग के अनुसार, साल का पहला पंचक आज से शुरू हो चुका है। सोमवार से शुरू होने के कारण इसे राज पंचक कहा जाएगा। आज से अगले पांच दिनों तक कुछ कामों को करने की मनाही है। वहीं कुछ ऐसे काम है जिन्हें करने से जरूर सफलका हासिल होती है। 

हिंदू धर्म में किसी भी मांगलिक या फिर शुभ काम करने से पहले मुहूर्त जरूर देखा जाता है। माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में किए गए कार्य का फल अच्छा होता है। इसलिए अशुभ मुहूर्त में काम करने की मनाही है। ऐसे ही हर मास के 5 दिन होते है, जिनमें किसी भी तरह के शुभ काम करने की मनाही होती है। इन पांच दिनों को पंचक नाम से जानते हैं। जानिए, पंचक कब से कब तक रहेगा और किन कामों को करने की है मनाही।

जनवरी 2023 में कब से कब तक पंचक?

पंचांग के अनुसार, 23 जनवरी, सोमवार को दोपहर 1 बजकर 51 मिनट से पंचक शुरू हो रहा है, जो 27 जनवरी को शाम 6 बजकर 37 मिनट पर समाप्त हो रहा है।

पंचक क्या है?

पंचक पांच नक्षत्रों के एक समूह को कहते हैं। 27 नक्षत्रों में से 5 नक्षत्र ऐसे होते हैं जिन्हें दूषित माना जाता है। इन्हीं को पंचक कहा जाता है। ये नक्षत्र है - धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, शतभिषा और रेवती नक्षत्र। पंचक धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण के आरंभ से होकर रेवती नक्षत्र के अंतिम चरण तक रहता है।

राज पंचक 2023 में कौन-से काम करना होगा शुभ

सोमवार के दिन शुरू होने वाले पंचकों को राज पंचक कहा जाता है। इस पंचक के दौरान सरकारी काम, संपत्ति से जुड़े काम को करने में सफलता हासिल होती है। इसके साथ ही आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।

पंचक के दौरान न करें ये काम

  • पंचक के दौरान चारपाई बनाना शुभ नहीं माना जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से कोई बड़ा संकट भविष्य में आ सकता है।
  • पंचक के दौरान दक्षिण की ओर यात्रा नहीं करना चाहिए, क्योंकि इस दिशा को यम की दिशा माना जाता है।
  • अब पंचक के दौरान रेवती नक्षत्र है,तो घर की छत नहीं बनवाना चाहिए। इससे घर में रहने वाले सदस्यों के बीच मतभेद होता रहता है और धन हानि का सामना करना पड़ता है।
  • पंचक में शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाता है। अगर किया जाता है, तो शव के साथ पांच आटा के पुतले या कुश से पुतला बनाकर अर्थी में रखा जाता है।
  • पंचक के दौरान घनिष्ठा नक्षत्र है, तो घास, लकड़ी आदि जलने वाली वस्तुएं इकट्ठी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आग लगने का भय बना रहता है।

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Edited By: Shivani Singh