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    Panchak March 2024: मार्च में इस दिन से शुरू हो रहे हैं पंचक, जानें कौन से कार्य न करें?

    सनातन धर्म में पंचक काल का बेहद खास महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पंचक काल के समय सभी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं। पंचक में शुभ काम करने से उसका शुभ परिणाम प्राप्त नहीं होता है। पंचक काल को अशुभ माना गया है। चलिए जानते हैं कि मार्च 2024 में पंचक कब से लग रहे हैं और इस दौरान शुभ कार्य क्यों नहीं करने चाहिए।

    By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik SharmaUpdated: Tue, 27 Feb 2024 05:44 PM (IST)
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    Panchak March 2024: मार्च में इस दिन से शुरू हो रहे हैं पंचक, जानें कौन से कार्य न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Panchak March 2024: सनातन धर्म में पंचक काल का बेहद खास महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पंचक काल के समय सभी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं। पंचक में शुभ काम करने से उसका शुभ परिणाम प्राप्त नहीं होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जहां शुभ कार्य करने के लिए कुछ शुभ दिन माने गए हैं, तो वहीं कुछ अशुभ दिन भी हैं, जिनपर किए गए कार्यों का शुभ परिणाम नहीं मिलता है। पंचक काल को अशुभ माना गया है। चलिए जानते हैं कि मार्च 2024 में पंचक कब से लग रहे हैं और इस दौरान शुभ कार्य क्यों नहीं करने चाहिए।

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    मार्च में इस दिन से लग रहे हैं पंचक

    पंचांग के अनुसार, मार्च माह में पंचक का आरंभ 08 मार्च, शुक्रवार के दिन रात्रि के 09 बजकर 21 मिनट पर हो रहा है। वहीं, इसका समापन 12 मार्च मंगलवार के दिन रात्रि 08 बजकर 30 मिनट पर होगा।

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    न करें ये कार्य

    पंचक काल में शुभ और मांगलिक कार्य जैसे गृह प्रवेश, नामकरण, विवाह आदि कार्य वर्जित माने जाते हैं। ऐसे में इस कार्यों को पंचक की अवधि में नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि पंचक काल के दौरान शुभ और मांगलिक कार्यों को करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त नहीं होता है और शुभ कार्य में रुकावट आ सकती है। इसके अलावा चारपाई बनवाने या छत ढलवाने जैसे कार्यों को करने की भी मनाही है।

    पंचक क्यों हैं अशुभ

    हर माह में पांच दिन तक पंचक काल रहता है। इस दौरान किसी भी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है। माना जाता है कि ऐसा करने से कार्य का अशुभ परिणाम मिलता है। जब चन्द्रमा धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्व भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र में विचरण करता है, तो उसे पंचक कहा जाता है। इन सभी नक्षत्रों को पार करने में चंद्रमा को लगभग पांच दिन का समय लगता है, इसलिए इसे पंचक के नाम से जाता है।

    इस दिशा में न करें यात्रा

    पंचक काल के दौरान दिशा का खास ध्यान रखना चाहिए। पंचक में दक्षिण दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं माना गया है। अगर दक्षिण दिशा में किसी जरुरी कार्य से यात्रा करनी है, तो ऐसे में यात्रा करने से पहले कुछ कदम पीछे मुड़कर फिर इस दिशा में यात्रा शुरू कर सकते हैं।

    पंचक के प्रकार

    रोग पंचक, राज पंचक, अग्नि पंचक, चोर पंचक, मृत्यु पंचक

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    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहे।