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Panchak 2022: इन पांच दिनों में बरतनी होगी अधिक सतर्कता, जानें कब है अग्नि पंचक

Panchak 2022 जल्द ही अग्नि पंचक लगने जा रहा है। जिस वजह से सभी प्रकार के शुभ कार्यों पर पांच दिनों के लिए रोक लग जाएगी। शास्त्रों में बताया गया है कि पंचक के दौरान शुभ कार्य प्रारम्भ करने पर मनाही है और व्यक्ति को नुकसान उठाना पड़ता है।

By Shantanoo MishraEdited By: Published: Fri, 25 Nov 2022 12:38 PM (IST)Updated: Fri, 25 Nov 2022 12:38 PM (IST)
Panchak 2022: इन पांच दिनों में बरतनी होगी अधिक सतर्कता, जानें कब है अग्नि पंचक
Agni Panchak 2022: अग्नि पंचक के दौरान इन कार्यों को करने से बचें। जानें तिथि और समय।

नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क | Agni Panchak 2022, Date and Time: हिन्दू पंचांग के अनुसार नवम्बर के अंत में पंचक शुरू हो जाएगा। जिसे ज्योतिष शास्त्र में अशुभ नक्षत्रों में गिना जाता है। इसके अशुभता के कारण आने वाले पांच दिनों तक किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी। बता दें कि प्रत्येक मास पंचक लगता है। माना जाता है कि पंचक के दौरान शुभ कार्यों को करने से उसका उल्टा प्रभाव पड़ सकता है और व्यक्ति को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस पंचक को अग्नि पंचक के नाम से जाना जाएगा। आइए जानते हैं कब है से शुरू हो रहा है अग्नि पंचक और जातक को किन-किन बातों का रखना होगा ध्यान।

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अग्नि पंचक 2022 तिथि (Agni Panchak 2022 Date)

शास्त्रों में बताया गया है कि जो भी पंचक मंगलवार के दिन से शुरू होता है, उसे अग्नि पंचक के नाम से जाना जाता है। इसके साथ यह भी बताया गया है कि इन 5 दिनों में लोगों को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए। नवम्बर मास में यह पंचक 29 नवंबर 2022, मंगलवार को शाम को 07:51 पर शुरू होगा और इसका समापन पांच दिन बाद 4 दिसंबर 2022, रविवार को शाम 06:16 पर होगा।

अग्नि पंचक में इन कार्यों से बचें (Agni Panchak 2022 Niyam)

शास्त्रों में बताया गया है कि अग्नि पंचक के दौरान आग लगने या फैलने का भय अधिक होता है। इसलिए इससे जुड़े कार्यों को करते समय अधिक सावधानी बरतें। इसके साथ इन पांच दिनों में औजार, मशीन या निर्माण कार्य से सम्बन्धित चीजों की खरीदारी से बचना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इन चीजों की खरीदारी करने से नुकसान की सम्भावना बढ़ जाती है। इसके साथ इस दौरान इनसे जुड़े कार्यों को भी शुरू नहीं करना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र में यह भी बताया है कि पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की ओर यात्रा से बचना चाहिए। इसे यमराज की दिशा के रूप में जाना जाता है। इसके साथ शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि अग्नि पंचक के दौरान क्रोध करने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि क्रोध करने से मंगल देव जातक से नाराज हो जाते हैं और अग्नि पंचक में मंगल ग्रह से जुड़े कार्यों को करते समय सावधानी बरतनी चाहिए।

Pic Credit: Freepik

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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