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    Nowruz 2023: भारत में इस दिन मनाया जाएगा पारसी नववर्ष, जानिए कैसे मनाया जाता है ये पर्व

    Parsi New Year celebration 2023 भारत में पारसी समुदाय के लोगों के लिए नवरोज अर्थात पारसी नवर्वष का विशेष महत्व है। इस दिन पारसी लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं देने के साथ उपहार भी देते हैं। चलिए जानते हैं भारत में पारसी नवर्वष कब मनाया जाएगा। साथ ही इस दिन के महत्व और इस मनाने के तरीके के बारे में भी जानना दिलचस्प होगा।

    By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Tue, 15 Aug 2023 12:25 PM (IST)
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    Parsi New Year celebration 2023: भारत में 16 अगस्त को मनाया जाएगा पारसी नववर्ष।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Parsi New Year 2023: पारसी नव वर्ष को नवरोज उत्सव भी कहा जाता है। नवरोज दो पारसी शब्दों नव और रोज से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है- नया दिन। अर्थात नवरोज के त्योहार के साथ पारसी समुदाय के नए साल की शुरुआत होती है। भारत में नवरोज 16 अगस्त को मनाया जाएगा।  

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    इसी दिन क्यों मनाया जाता है

    जिस तरह अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, दुनियाभर में नया साल 1 जनवरी को मनाया जाता है और हिंदू धर्म में चैत्र माह से नए साल की शुरुआत होती है, ठीक उसी प्रकार पारसी कैलेंडर के अनुसार, नवरोज 16 अगस्त को मनाया जाता है। नवरोज को जमशेदी नवरोज के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि क्योंकि पारसी कैलेंडर में सौर गणना की शुरुआत करने वाले महान फारसी राजा का नाम जमशेद था।

    कई स्थानों पर यह त्योहार साल में दो बार मनाया जाता है जो 16 अगस्त और 21 मार्च को को छमाही और वार्षिक के तौर पर मनाया जाता है। दुनियाभर में पारसी समुदाय के लोग यह पर्व पारसी पंचांग के पहले महीने के पहले दिन यानी 21 मार्च को मनाते हैं। जबकि भारत में पारसी लोग शहंशाही पंचांग का अनुसरण करते हैं। इसलिए भारत में यह उत्सव 16 अगस्त को मनाया जाता है।

    कैसे मनाया जाता है पारसी न्यू ईयर

    पारसी नववर्ष के इस शुभ अवसर पर लोग सुबह जल्दी उठकर घर की साफ-सफाई करते हैं। पूरे घर को खासकर मुख्य द्वार को विशेष रूप से सजाया जाता है। इसके बाद घर को सुगंधित करने के लिए अगरबत्ती या लोबान जलाया जाता है।

    इस दिन घरों में तरह-तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं और अपने दोस्तों और करीबियों को बांटते है। इसके साथ ही पारसी लोगों में एक-दूसरे को गिफ्ट्स देते का भी चलन है। माना जाता है कि नवरोज के दिन उपहार देने के साथ राजा जमशेद की पूजा करने से घर में हमेशा खुशहाली बनी रहती है।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'