Nirjala Ekadashi 2023: कब है निर्जला एकादशी? जानिए तिथि, मुहूर्त और महत्व
Nirjala Ekadashi 2023 सभी तिथियों में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इस विशेष दिन पर लोग व्रत का पालन करते हैं और भगवान विष्णु की उपासना करते हैं। आइए जानते हैं रखा जाएगा निर्जला एकादशी व्रत शुभ मुहूर्त और इस दिन का महत्व।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Nirjala Ekadashi 2023: सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। प्रत्येक मास में दो एकादशी व्रत रखे जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस विशेष दिन पर उपवास रखने से और भगवान विष्णु की उपासना करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है और जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं।
बता दें कि ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन निर्जला एकादशी व्रत रखा जाता है। इस व्रत को कठोर व्रत में गिना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन विशेष रूप से महिलाएं अपने परिवार की सुख-समृद्धि के लिए बिना अन्न और जल ग्रहण किए व्रत का पालन करती हैं। साथ ही इस दिन गायत्री जयंती भी मनाई जाती है। आइए जानते हैं, कब रखा जाएगा निर्जला एकादशी व्रत, शुभ मुहूर्त और महत्व।
निर्जला एकादशी 2023 तिथि (Nirjala Ekadashi 2023 Date)
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का शुभारंभ 30 मई 2023 को दोपहर 01 बजकर 07 मिनट तक रखा जाएगा। वहीं इस तिथि का समापन 31 मई को दोपहर 01 बजकर 45 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, यह व्रत 31 मई 2023, बुधवार के रखा जाएगा।
निर्जला एकादशी 2023 शुभ मुहूर्त (Nirjala Ekadashi 2023 Shubh Muhurat)
पंचांग में बताया गया है कि निर्जला एकादशी के दिन दो अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05 बजकर 24 मिनट से सुबह 06 बजे तक रहेगा और रवि योग भी इतना ही समय रहेगा। बता दें कि व्रत का पारण अगले दिन यानि 01 जून को सुबह 05 बजकर 24 मिनट से सुबह 08 बजकर 10 मिनट के बीच किया जाएगा।
निर्जला एकादशी 2023 महत्व (Nirjala Ekadashi 2023 Importance)
निर्जला एकादशी व्रत की गणना कठिन उपवास में की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि जो लोग 24 एकादशी व्रत नहीं रख पाते हैं, उन्हें साल में एक बार निर्जला एकादशी व्रत अवश्य रखना चाहिए। ऐसा करने से सभी एकादशी व्रतों का फल साधक को प्राप्त हो जाता है और परिवार को सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती है।
डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
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