Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Navratri 2020: 17 अक्टूबर से शुरू हो रही है नवरात्रि, जानें इस बार किस वाहन सवार होकर आएंगी मां

    By Shilpa SrivastavaEdited By:
    Updated: Wed, 14 Oct 2020 12:30 PM (IST)

    Navratri 2020 इस वर्ष नवरात्रि 17 अक्टूबर से शुरू हो रही हैं। इस दिन शनिवार है। मान्यता है कि हर वर्ष मां का वाहन अलग होता है जिसपर सवार होकर मां आती हैं। इस बार नवरात्रि शनिवार से शुरू हो रही हैं।

    Navratri 2020: 17 अक्टूबर से शुरू हो रही है नवरात्रि, जानें इस बार किस वाहन सवार होकर आएंगी मां

    Navratri 2020: इस वर्ष नवरात्रि 17 अक्टूबर से शुरू हो रही हैं। इस दिन शनिवार है। मान्यता है कि हर वर्ष मां का वाहन अलग होता है जिसपर सवार होकर मां आती हैं। इस बार नवरात्रि शनिवार से शुरू हो रही हैं। इस दिन आश्विन शुक्ल प्रतिपदा होने से मां दुर्गा का वाहन अश्व होगा। एक और संयोग यह भी कि वासंतिक नवरात्रि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 2021 को भी मां का वाहन अश्व ही रहेगा। शास्त्रों के अनुसार, मां दुर्गा प्रत्येक नवरात्रि पर्व के प्रथम दिन अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर अपने भक्तों को वरदान देने आती हैं। उनके वाहन के अनुसार ही मेदिनी ज्योतिष के फलित का विश्लेषण किया जाता है। आइए ज्योतिषाचार्य पं. दयानंद शास्त्री से जानते हैं कि नवरात्रि के पहले दिन मां किस वाहन पर सवार होकर आती हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शशि सूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे । गुरौ शुक्रे च डोलायां बुधे नौका प्रकीर्त्तिता'।

    गजे च जलदा देवी छत्र भंगस्तुरंगमे । नौकायां सर्वसिद्धि स्यात डोलायां मरण ध्रुवम्।

    अर्थात- रविवार और सोमवार को नवरात्रि का अगर शुभारम्भ हो तो हाथी माँ दुर्गा का वाहन होता है जो अत्यंत जल की वृष्टि कराने का संकेत देता है। शनिवार और मंगलवार को नवरात्रि का आरंभ हो तो घोड़े (तुरंग) पर मां का आगमन होता है जो राजा अथवा सरकार के परिवर्तन का संकेत देता है। वहीं, गुरुवार और शुक्रवार को नवरात्रि का पहला दिन पड़े तो डोली में मां का आगमन होता है। यह जन-धन की हानि, तांडव, रक्तपात होना बताता है। यदि नवरात्रि का शुभारंभ बुधवार हो तो माँ दुर्गा नौका पर विराजमान होकर आती हैं और अपने सभी भक्तों को अभीष्ट सिद्धि देती है।

    इन वाहनों पर होती है मां की वापसी:

    शशि सूर्य दिने यदि सा विजया महिषागमने रुजशोककरा । शनि भौमदिने यदि सा विजया चरणायुध यानि करीविकला ।।

    बुधशुक्र दिने यदि सा विजया गजवाहन गा शुभवृष्टिकरा । सुरराजगुरौ यदि सा विजया नरवाहन गा शुभ सौख्य करा ।।

    अर्थात- अगर नवरात्र का आखिरी दिन रविवार और सोमवार को हो तो मां भैंसे की सवारी पर जाती हैं जो देश में रोग और शोक का संकेत है। मंगलवार और शनिवार को मुर्गे पर सवार होकर मां वापस जाती हैं जो दुख और कष्ट की वृद्धि कराता है। बुधवार व शुक्रवार को हाथी पर विराजमान होकर मां की वापसी होती हैजो अति वृष्टि सूचक है। गुरुवार के दिन नवरात्रि समाप्त हो तो मनुष्य को अपना वाहन मानकर मां वापस जाती हैं जो सुख और शांति की वृद्धि का सूचक है। इस बार मां दुर्गा की वापसी भैंसें पर होगी।