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    Weapons of Maa Durga: Navratri 2021 जानिए, मां दुर्गा के अस्त्र-शस्त्र को धारण करने का रहस्य

    By Jeetesh KumarEdited By:
    Updated: Sun, 10 Oct 2021 06:00 AM (IST)

    Weapons of Maa Durga मां दुर्गा को महिषासुर मर्दिनी के नाम से भी जाना जाता है।मां दुर्गा के अस्त्र धारण का उद्देश्य दैत्यों का नाश करना और भक्तों को अभयदान प्रदान करना है। आइए जानते हैं मां दुर्गा के अस्त्रों के रहस्य के बारे में......

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    Navratri 2021 जानिए, मां दुर्गा के अस्त्र-शस्त्र को धारण करने का रहस्य

    Weapons of Maa Durga:मां दुर्गा को महिषासुर मर्दिनी के नाम से भी जाना जाता है। देवी भागवत पुराण के अनुसार जब महिषासुर का आतंक बहुत बढ़ गया था। देवराज इंद्र सभी देवताओं के साथ त्रिदेवों पास जाकर महिषासुर की शक्ति और आतंक के बारे में बताया। त्रिदेवों से रक्षा की गुहार की। ब्रह्मा विष्णु और महेश तीनों देवों की शरीर से शक्ति का पुंज निकल कर एकत्रित हुआ। इसी शक्ति पुंज ने मां दुर्गा का रूप ले लिया। सभी देवों ने अपनी-अपनी शक्ति प्रदान कर मां दुर्गा का सृजन किया। देवी दुर्गा ने आतातायी महिषासुर का वध करके देवताओं और सारी सृष्टी को उसके आतंक से मुक्त किया। मां दुर्गा के अस्त्र धारण का उद्देश्य दैत्यों का नाश करना और भक्तों को अभयदान प्रदान करना है। आइए जानते हैं मां दुर्गा के अस्त्रों के रहस्य के बारे में......

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    1-त्रिशूल- मां दुर्गा को त्रिशूल भगवान शिव ने भेंट किया था। त्रिशूल के तीन शूल सत्व, तमस और रज गुणों का प्रतीक हैं, जिनके संतुलन से ही सारी सृष्टी टिकी हुई है। महिषासुर का वध मां ने इसी त्रिशूल से किया था।

    2-तलवार- मां दुर्गा को तलवार भगवान गणेश ने प्रदान की थी। मां दुर्गा की तलवार की धार बुद्धि की तीक्ष्णता का और उसकी चमक ज्ञान का प्रतिनिधित्व करती है।

    3- भाला- अग्निदेव के द्वारा मां को उपहार में दिया गया हैं। यह उग्र शक्ति और शुभता का प्रतीक है। यह सही और गलत का भेद करता है।

    4- वज्र- वज्र की शक्ति का उपाहार मां को इंद्रदेव ने दिया था। यह आत्मा की दृढ़ता, मजबूत इच्छाशक्ति का प्रतीक है। देवी दुर्गा अपने भक्तों को आत्मविश्वास और दृढ़ इच्छाशक्ति का वरदान देती हैं।

    5- कुल्हाड़ी या फरसा - कुल्हाड़ी या फरसा मां दुर्गा को भगवान विश्वकर्मा से प्राप्त हुआ था। जो कि बुराई से लड़ने और परिणाम से भयभीत न होने का प्रतीक है।

    6- सुदर्शन चक्र- भगवान विष्णु ने मां दुर्गा को अपना सुदर्शन चक्र प्रदान किया था। जो कि सृष्टि केंद्र है ब्रह्मांड उसके इर्द गिर्द घूमता है।

    7- धनुष और बाण- धनुष और बाण मां दुर्गा को पवनदेव और सूर्यदेव द्वारा दिए गए हैं। जो की ऊर्जा के प्रतीक हैं। धनुष स्थितिज ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है, वहीं तीर या बाण गतिज ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है।

    8- शंख – मां दुर्गा को शंख वरूण देव ने प्रदान किया है। मां दुर्गा के शंख की ध्वनि मात्र से ही सैकड़ों असुरों का नाश हो जाता है। शंख का नाद नकारत्मकता को दूर करता है।

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    'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'