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    Navratri 2020: जानें मां के किस स्वरूप से मिलता है कौन-सा वरदान, सच्चे मन से करें आराधना

    By Shilpa SrivastavaEdited By:
    Updated: Sun, 18 Oct 2020 12:13 PM (IST)

    Navratri 2020 नवरात्रि आज 17 नवंबर से शुरू होगी। चाहें इन्हें मां अंबे कहे या फिर मां दुर्गा... मां के 9 स्वरूपों की इन 9 दिनों बेहद भव्य तरीके से आराधना की जाती है। विधिवत इनका पूजन किया जाता है...

    Navratri 2020: जानें मां के किस स्वरूप से मिलता है कौन-सा वरदान, सच्चे मन से करें आराधना

    Navratri 2020: नवरात्रि आज 17 नवंबर से शुरू होगी। चाहें इन्हें मां अंबे कहे या फिर मां दुर्गा... मां के 9 स्वरूपों की इन 9 दिनों बेहद भव्य तरीके से आराधना की जाती है। विधिवत इनका पूजन किया जाता है जिससे प्रसन्न होकर मां अपने भक्तों को विशेष आशीर्वाद देती हैं। आइए जानते हैं मां के किस रूप से मिलता है कौन-सा वरदान।

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    जानें मां के किस स्वरूप से मिलता है कौन-सा वरदान:

    1. शैल पुत्री-

    शैल पुत्री... मां का पहला स्वरूप हैं। इन्होंने पर्वतराज हिमालय के यहां जन्म लिया था जिसके चलते इनका नाम शैल पुत्री पड़ा। नवरात्रि के पहले दिन शैल पुत्री की पूजा की जाती है। इनकी विधिवत पूजा करने से भक्त को धन-धान्य से परिपूर्ण रहने का वरदान मिलता है।

    2. ब्रह्मचारिणी-

    ब्रह्मचारिणी... मां का दूसरा स्वरूप हैं। इनका सच्चे मन से उपासना करने पर मां अपने भक्तों को अनंत कोटि करती हैं। मां का व्रत करने से व्यक्ति में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की भावना पैदा होती है।

    3. चंद्रघंटा-

    चंद्रघंटा... मां का तीसरा स्वरूप है। इनकी पूजा करने से व्यक्ति को उसके सभी पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही वीरता के गुणों में वृद्धि और स्वर में दिव्य अलौकिक माधुर्य प्राप्त होता है।

    4. कुष्मांडा-

    कुष्मांडा... मां का चौथा स्वरूप है। इनकी आराधना करने से व्यक्ति की आयु और यश में वृद्धि होती है।

    5. स्कंदमाता-

    स्कंदमाता... मां का पांचवां स्वरूप है। इनकी उपासना करने से व्यक्ति के लिए मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं। साथ ही मां अपने भक्तों की सभी इच्छाओं की पूर्ति भी करती है।

    6. कात्यायनी-

    कात्यायनी... मां का छठा स्वरूप है। इस दिन मां की सच्चे मन से पूजा करने पर व्यक्ति में अद्भुत शक्ति का संचार होता है। मान्यता़है कि इनका इनका ध्यान गोधूली बेला में करना होता है।

    7. कालरात्रि-

    कालरात्रि... मां का सातवां स्वरूप है। इस दिन मां की विधिवत पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है। साथ ही तेज में भी वृद्धि होती है।

    8. महागौरी-

    महागौरी... मां का आठवां स्वरूप हैं। अष्टमी के दिन मां की सच्चे मन और विधि-विधान के साथ पूजा करने पर व्यक्ति के समस्त पापों का क्षय होकर चेहरे की कांति बढ़ती है। साथ ही शत्रु-शमन और सुख में वृद्धि भी होती है।

    9. सिद्धिदात्री-

    सिद्धिदात्री... मां का नौवां स्वरूप है। नवमी के दिन मां की पूजा करने से व्यक्ति को अणिमा, लघिमा, प्राप्ति,प्राकाम्य, महिमा, ईशित्व, सर्वकामावसांयिता, दूर श्रवण, परकाया प्रवेश, वाक् सिद्धि, अमरत्व, भावना सिद्धि आदि समस्त नव-निधियों की प्राप्ति होती है।

    डिसक्लेमर

    'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '