नई दिल्ली, अध्यात्मिक डेस्क | Navgrah in Jyotish: ज्योतिष विज्ञान में ग्रह और उनकी दशा का बहुत महत्व है। इन ग्रहों की चाल का प्रभाव सभी राशियों पर सकारात्मक व नकारात्मक रूप से पड़ता है। यह सभी नवग्रह किसी न किसी क्षेत्र जैसे- शिक्षा, ज्ञान, धन, लाभ-हानि इत्यादि का प्रतिनिधित्व करते हैं। लेकिन क्या आप सभी नवग्रहों के परिवार के विषय में जानते हैं? अगर नहीं तो आइए पंडित दयानंंद मिश्र जी से जानते हैं सभी नवग्रहों का परिचय।
सूर्य
सूर्य देव के पिता का नाम कश्यप है और माता का अदिति है। पंच देवताओं में सूर्य देव का विशेष महत्व है। इनकी दो पत्नियां हैं जिनका नाम संध्या और छाया है। शनिदेव भगवान सूर्य के पुत्र हैं और यमराज और देवी यमुना भी इनकी संतान हैं।
चंद्र
चंद्र देव महर्षि अत्रि के पुत्र हैं और उनकी माता का नाम अनुसूया है। शास्त्रों के अनुसार चंद्र देव कि 27 पत्नियां हैं, जो 27 नक्षत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। चंद्र देव बुध के पिता हैं।
मंगल
शास्त्रों में बताया गया है कि मंगल देव के पिता भगवान शिव हैं और भूदेवी इनकी माता है। मंगल पूर्णरूप से ब्रह्मचारी हैं। बता दें कि मांगलिक दोष का संबंध भी इसी ग्रह से है।
बुध
बुध देव के पिता चंद्र और देवी तारा इनकी माता का नाम है। बुध देव को समस्त वेद एवं शास्त्रों का ज्ञान देवगुरु बृहस्पति से प्राप्त हुआ था और इनकी पत्नी का नाम इला है। चन्द्रवंश का प्रारंभ भी इन्हीं से हुआ था।
बृहस्पति
देवगुरु बृहस्पति के पिता महर्षि अंगिरस हैं और सुरूपा इनकी माता का नाम है। इनकी पत्नी का नाम तारा है और महाभारत में मुख्य भूमिका निभाने वाले गुरु द्रोणाचार्य इनके पौत्र हैं। शास्त्रों में इन्हें देवताओं का गुरु भी बताया गया है।
शुक्र
शुक्र देव के पिता भृगु ऋषि हैं और काव्यमाता इनकी माता का नाम है। इन्हें कठिन तप के कारण भगवान शिव से मृतसंजीवनी विद्या प्राप्त हुई थी। इनकी पत्नी का नाम जयंती है, जिन्हें देवराज इंद्र की पुत्री के रूप में जाना जाता है।
शनि
शनि देव भगवान सूर्य के पुत्र हैं और इनकी माता का नाम छाया है। लेकिन शनि का स्वभाव अपने पिता गुणों से बिलकुल विपरीत है। शनि देव कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं और इनकी पत्नी का नाम धामिनी है।
राहु और केतु
राहु और केतु जो स्वरभानु था, के पिता का नाम विप्रचित्त है और माता का नाम सिंहिका है। राहु की दो पत्नियां है जिनका नाम नागवल्ली और नागकणि है और इनका वाहन काले अश्वों वाला रथ है। वहीं स्वर्भानु दैत्य के धड़ से केतु उत्पन्न हुए थे, जिनका वाहन चील है।
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