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    Narak Chaturdashi 2025: नरक चतुर्दशी पर घर के इन प्रमुख स्थानो में जलाएं दीपक, होंगे मालामाल

    Updated: Thu, 16 Oct 2025 01:35 PM (IST)

    नरक चतुर्दशी  (Narak Chaturdashi 2025) दीपावली उत्सव का दूसरा दिन है, जिसे रूप चौदस या छोटी दिवाली भी कहते हैं। कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को मनाए जाने वाले इस पर्व पर भगवान कृष्ण, यमराज और हनुमान जी की पूजा होती है। मान्यता है कि इसी दिन कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। यह बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। 

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    Narak Chaturdashi 2025: नरक चतुर्दशी के उपाय।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली: दीपावली के पांच दिवसीय उत्सव का दूसरा दिन नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi 2025) यानी रूप चौदस होता है। यह पर्व कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। नरक चतुर्दशी को छोटी दीवाली के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मुख्य रूप से भगवान कृष्ण, यमराज और हनुमान जी की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध कर 16 हजार कन्याओं को उसके बंधन से मुक्त कराया था।

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    यह पर्व बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। वहीं, इस दिन घर के कुछ प्रमुख स्थानों पर दीपक जरूर जलाना चाहिए, इससे घर में धन-संपदा का आगमन होता है, तो आइए जानते हैं।

    इन स्थानों में जरूर जलाएं दीपक (Light A Lamp In These Places)

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    मुख्य द्वार के बाहर

    इस दिन दीपदान का बहुत महत्व है। कहा जाता है कि नरक चतुर्दशी की शाम को घर के मुख्य द्वार के बाहर, दक्षिण दिशा की ओर मुख करके एक चौमुखी दीपक जलाएं। यह यमराज को समर्पित होता है, जिसे 'यम दीपम' या 'यमराज का दीया' कहते हैं। इसे जलाने से परिवार के सदस्यों को अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है।

    घर का कूड़ादान

    इस दिन एक दीपक कूड़ादान या उस स्थान के पास रखें, जहां घर का कचरा या पुरानी, बेकार चीजें रखी हों। ऐसा करने से घर की दरिद्रता और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

    रसोई घर

    एक दीपक रसोई घर में, जहां पानी रखा हो वहां जलाएं। ऐसा करने से घर में अन्न-धन की बरकत बनी रहती है।

    तुलसी का पौधा

    मां तुलसी को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। ऐसे में एक दीपक तुलसी के पौधे के पास जरूर जलाएं। कहते हैं कि ऐसा करने से माता तुलसी के साथ मां लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है। साथ ही इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।

    पीपड़ या बिल्व का पेड़

    अगर संभव हो, तो नरक चतुर्दशी की रात एक दीपक पीपल या बिल्व के पेड़ के नीचे जलाएं। मान्यता है कि इससे पितृ देवता खुश होते हैं और धन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।

    घर की चौखट

    घर की चौखट पर दीपक जलाएं। यह देवी-देवताओं के स्वागत करने का प्रतीक है। ऐसा करने से जीवन में शुभता का आगमन होता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।