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    Mundan on Death: परिजनों की मृत्यु के बाद क्यों कराया जाता है मुंडन? जानें इसके पीछे का कारण

    By Harshita SaxenaEdited By: Harshita Saxena
    Updated: Sun, 07 May 2023 07:01 PM (IST)

    हिन्दू धर्म में अंतिम संस्कार से जुड़े कई नियम मौजूद हैं। इन्हीं में से एक है मुंडन का नियम। शास्त्रों में तो इसका विधान है ही पर इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं। परिवार के सदस्य मुंडन कराकर मृत व्यक्ति के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।

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    जानें परिजनों की मृत्यु के बाद क्यों कराते हैं मुंडन

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Mundan on Death: घर में किसी परिजन की मृत्यु हो जाती है, तो सिर मुंडवाया जाता है। मृतक के लिए बाल समर्पित करना उसके प्रति प्यार और सम्मान को दर्शाने के रूप में देखा जाता है। विशेष रूप से यह स्वच्छता को ध्यान में रखकर किया जाता है। बच्‍चे के जन्‍म और किसी व्‍यक्ति की मृत्‍यु के कारण परिवार में सूतक लगता है। यानी कि कुछ दिनों तक परिवार के लोगों को अशुद्ध माना जाता है। सिर मुंडवाने पर ही सूतक पूरी तरह से खत्‍म होता है।

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    मुंडन दर्शाता है प्यार और सम्मान

    घर में किसी परिजन की मृत्यु हो जाती है, तो सिर मुंडवाया जाता है। सिर मुंडवाने की परंपरा सालों से चली आ रही है। ऐसा माना जाता है कि मृतक के लिए बाल समर्पित करना उसके प्रति प्यार और सम्मान को दर्शाता है।

    बाल हैं नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक

    शास्त्रों में बताया गया है कि आत्मा शरीर से अलग होने के तुरंत बाद नहीं, बल्कि कुछ समय बाद यमलोक जाती है। ऐसे में वह आत्मा कई बार अपने परिवार के सदस्यों के साथ संपर्क बनाने की कोशिश करती है। धर्म ग्रंथों में बालों को नकारात्मक ऊर्जा से जोड़कर देखा जाता है। ऐसे में आत्मा का परिवार के लोगों से संपर्क में आने का सबसे आसान माध्यम बाल होते हैं। इसी कारण से अंतिम संस्कार से पहले ही सिर मुंडवाने की परंपरा चली आ रही है।

    ये हैं वैज्ञानिक कारण

    मृत्यु के बाद मृतक के शरीर के आसपास बहुत से हानिकारक जीवाणु पैदा होने लगते हैं। मृत शरीर के पास मौजूद जीवाणुओं को हटाने के लिए अंतिम संस्कार के बाद कई नियम बनाए गए हैं। इन नियमों में नाखून काटना, धूप में बैठना, स्नान करना और सिर मुंडवाना भी शामिल है।

    Writer- Suman Saini

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'