Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Motivational Story: भगवान बचाएगा! पढ़ें साधु और उसकी तपस्या की यह प्रेरक कहानी

    By Shilpa SrivastavaEdited By:
    Updated: Wed, 25 Nov 2020 02:17 PM (IST)

    Motivational Story एक बार एक गांव में एक साधु रहता था। वह भगवान में बहुत मानता थआ। वह लगातार एक पेड़ के नीचे बैठकर तपस्या करता था। गांव के सभी लोग उसकी बहुत इज्जत करते थे। फिर एक बार गांव में बहुत भीषण बाढ़ आ गई।

    Hero Image
    Motivational Story: भगवान बचाएगा! पढ़ें साधु और उसकी तपस्या की यह प्रेरक कहानी

    Motivational Story: एक बार एक गांव में एक साधु रहता था। वह भगवान में बहुत मानता थआ। वह लगातार एक पेड़ के नीचे बैठकर तपस्या करता था। गांव के सभी लोग उसकी बहुत इज्जत करते थे। फिर एक बार गांव में बहुत भीषण बाढ़ आ गई। हर तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा था। सभी अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर दौड़ रहे थे। कई लोग ऊंचे स्थानों की तरफ बढ़ने लगे। इसी बीच लोगों ने देखा कि साधु बाबा पेड़ के नीचे ही बैठे हैं। सभी ने उन्हें सलाह दी कि वो अपनी जगह छोड़ दें और भाग चले। लेकिन साधु महाराज ने कहा कि तुम लोग अपनी जान बचाओ मुझे तो मेरा भगवान बचाएगा!

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    धीरे-धीरे पानी बढ़ता गया। साधु अपनी जगह पर ही रहा। पानी साधु के कमर तक पहुंच गया था। फिर इतने में ही उसके पास से एक नाव गुजरी। उस नांव में एक मल्लाह था। उसने कहा कि हे साधू महाराज आप इस नाव पर आ जाएं मैं किसी सुरक्षित स्थान पर आपको पहचान दूंगा। लेकिन साधु ने फिर वही उत्तर दिया कि मुझे मेरा भगवान बचाएगा। मुझे तुम्हारी आवश्यकता की जरुरत नहीं है। नाव वाला भी वहां से चला गया।

    कुछ देर बाद बाढ़ और भी ज्यादा हो गई। साधु को लगा कि उसे पेड़ पर चढ़ना होगा। साधु ने सोचा कि उसे वहां बैठकर ईश्वर को याद करना होगा। इतने में ही उसे गड़गडाहत की आवाज सुनाई दी। उसने देखा कि एक हेलिकॉप्टर उनकी मदद के लिए आया है। उस हेलिकॉप्टर में से बचाव दल ने एक रस्सी लटकाई और साधु को उसे पकड़ने का आग्रह किया। फिर साधु ने कहा कि मुझे तो भगवान बचाएगा। मैं इसे नहीं पकड़ुगा। बचाव दल भी यह सुन चला गया।

    कुछ ही देर में बाढ़ की धारा में साधु बह गया और उसकी मृत्यु हो गई। जब मृत्यु के बाद साधु महाराज स्वर्ग पहुंचे तो उन्होंने भगवान से पूछा कि मैंने तुम्हारी आराधना इतने मन से की लेकिन फिर भी मैं डूबकर मरा। तुम मुझे बचाने नहीं आए। आपने ऐसा क्यों किया। भगवान ने साधु महाराज से कहा कि मैं तीन बार तुम्हारी मदद करने आया। एक बार ग्रामीणों के रूप में, एक बार नाव वाले के रूप में और तीसरी बार बचाव दल के रूप में। लेकिन तुम मुझे पहचान नहीं पाए।

    सीख: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि ईश्वर हमें कई मौके देता है। लेकिन यह अवसर किसी की प्रतीक्षा नहीं करते। यह तेजी से गुजर जाते हैं। अगर हम उन्हें पहचानकर उनका लाभ उठा लेते हैं तो हम अपनी मंजिल पर जल्दी पहुंच जाते हैं।