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Motivational Story: जीवन को प्रेरित करती हैं राजा की ये तीन सीख, पढ़ें यह प्रेरक कथा

Motivational Story एक समय में एक प्रतापी राजा था। राजा के तीन बेटे थे। उन्हें सुयोग्य बनाने के लिए राजा ने उनकी शिक्षा-दीक्षा की सर्वश्रेष्ठ व्यवस्था की। राजा ने अपने बेटों को हर विधा में बेहतर और पांरगत बनाया। राजा चाहता था कि उसके पुत्र ही राज्य की बागडोर संभालें।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 06:15 PM (IST)Updated: Sun, 06 Dec 2020 03:00 PM (IST)
Motivational Story: जीवन को प्रेरित करती हैं राजा की ये तीन सीख, पढ़ें यह प्रेरक कथा

Motivational Story: एक समय में एक प्रतापी राजा था। राजा के तीन बेटे थे। उन्हें सुयोग्य बनाने के लिए राजा ने उनकी शिक्षा-दीक्षा की सर्वश्रेष्ठ व्यवस्था की। राजा ने अपने बेटों को हर विधा में बेहतर और पांरगत बनाया। राजा चाहता था कि उसके पुत्र ही उसके राज्य की बागडोर संभालें। जब राजा बूढ़ा हो गया तो उसने अपने सभी पुत्रों को अपने पास बुलाया। उसने कहा, “पुत्र! हमारे राज्य में नाशपाती का एक भी पेड़ नहीं है। इसलिए मैं चाहता हूं कि तुम सभी एक पेड़ की खोज में जाओ और वापस आकर मुझे यह बताओ वह कैसा होता है।” लेकिन राजा ने एक शर्त भी रखी कि उनके तीनों बेटे अलग-अलग और चार-चार माह के अंतराल में जाएंगे। इसके बाद तीनों आकर एक साथ प्रश्न का उत्तर देंगे। तीनों बच्चों ने एक साथ इस बात को स्वीकार किया।

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राजा का बड़ा बेटा सबसे पहले गया। उसके बाद मंझला और सबसे आखिरी में सबसे छोटा बेटा गया। सभी अपनी-अपनी खोज कर पिता के पाए वापस आए। राजा ने सभी से बारी-बारी से पूछा कि बताओ वृक्ष कैसा होता है।

सबसे बड़े बेटे ने उत्तर दिया और कहा कि पेड़ बहुत अजीब है। उसमें न कोई पत्ती न कोई फल। वह एकदम सूखा है। यह सुन तुरंत ही मंझले बेटे ने कहा, नहीं तो, वृक्ष तो बहुत हरा-भरा होता है। लेकिन उसमें फल नहीं लगते हैं। बस यही एक बड़ी कमी है। यह सुन तुरंत ही सबसे छोटा बेटा बोला, “मेरे दोनों बड़े आई किसी अन्य वृक्ष को देखकर आ गए हैं। नाशपाती का पेड़ तो हरा-भरा होता है। फलों से लदा हुआ होता है। मैंने खुद देखा है।” तीनों बेटे अपनी-अपनी बात पर अड़ गए। तब उनके पिता ने कहा कि जो तुमने देखा उसे ही सही मानो। वास्तव में वही सत्य है। तुम तीनों नाशपाती का ही वृक्ष देखकर आये हो। जो तुमने बताया है वह उसी वृक्ष का है। लेकिन तुमने अलग-अलग मौसम में उसे देखा है। यह सुन तीनों बेटे

राजा की बात सुनकर तीनों पुत्र एक-दूसरे का चेहरा देखने लगे। राजा आगे कहने लगा, “पुत्रों मैंने जानबूझकर तुम तीनों को अलग-अलग मौसम में भेजा था। ऐसा मैंने तुम्हें जीवन की एक गहरी सीख देने के लिए किया था।” राजा ने अपने बेटों से कहा कि आज वो उन्हें तीन बातें बताएगा जिससे उन्हें जीवन की सीख मिलेगी।

राजा ने अपने पुत्रों को तीन बातें बताई:

1. किसी भी चीज को एक बार देख या जांच कर उसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त नहीं होती है। किसी भी व्यक्ति या वस्तु के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए उसका अवलोकन लंबे समय तक करना पड़ता है। किसी के बारे में राय जल्दी नहीं बनानी चाहिए।

2. हर मौसम हमेशा एक-सा नहीं रहता। नाशपाती के वृक्ष पर जब भी मौसम का प्रभाव पड़ता है तो कभी वह सूखा तो कभी हरा-भरा हो जाता है। ऐसे ही जीवन के उतार-चढ़ाव में सुख-दुःख, सफलता-असफलता का दौर आता है। ऐसे में हम भी को हिम्मत बनाए रखनी होती है। मौसम की तरह बुरा समय भी गुजर जाता है।

3. विवाद में तब तक नहीं पड़ना चाहिए जब तक आपको दूसरे के पक्ष के बारे में न पता हो। दूसरे का पक्ष सुनना बेहद जरूरी है। इससे व्यक्ति का ज्ञान वर्धन होता है।  


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