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Motivational Story In Hindi: अपनी क्षमताओं को पहचानने की जरूरत, दूसरों पर निर्भर रहना है गलत

Motivational Story In Hindiहम सभी ने क्षमताओं का असीम भंडार होता है। बस हम उन क्षमताओं को पहचान नहीं पाते हैं। हमें खुद की क्षमता को पहचानना चाहिए।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 12:46 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 12:46 PM (IST)
Motivational Story In Hindi: अपनी क्षमताओं को पहचानने की जरूरत, दूसरों पर निर्भर रहना है गलत
Motivational Story In Hindi: अपनी क्षमताओं को पहचानने की जरूरत, दूसरों पर निर्भर रहना है गलत

Motivational Story In Hindi: एक बार एक गांव में एक आलसी आदमी रहता था। वह कोई काम नहीं करता था। हमेशा खाली बैठा रहता था और सोचता था कि बिना कुछ किए ही उसे खाने को मिल जाए। एक दिन वो एक बाग में पहुंच गया घूमते-घूमते। यहां आम के पेड़ थे। ये पेड़ आम से लदे हुए थे। आम देख उस आदमी के मुंह में पानी आ गया। आम खाने के लिए वो पेड़ पर चढ़ गया। इतने में ही बाग का मालिक वहां आ गया। जैसे ही उस आदमी ने बाग के मालिक को देखा तो वो वहां से भाग खड़ा हुआ।

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वह काफी दूर तक भागा और गांव से बाहर एक जंगल में जा पहुंचा। वह बुरी तरह थक गया था और एक पेड़ के नीचे बैठ गया। इतने में ही उसकी नजर लोमड़ी पर पड़ी। इसकी एक टांग टूटी हुई थी। वह लोमड़ी लंगड़ाकर चल रही थी। इसे देख उस आदमी ने सोचा कि इस लोमड़ी की हालत ऐसी है फिर भी यह किसी जंगली जानवर के शिकार से बच कैसे गई। अब तक शिकार कैसे नहीं हुआ? इसी सोच में वो पेड़ पर चढ़ गया और वहां बैठकर देखने लगा कि अब लोमड़ी के साथ आगे क्या होगा।

कुछ ही देर में एक शेर की दहाड़ सुनाई दी। उसे सुनकर सभी जानवर भाग गए। लेकिन लोमड़ी कि इस हालत में वो भाग नहीं सकती थी। तो वह वहीं खड़ी रह गई। शेर लोमड़ी के पास आने लगा। उस आलसी आदमी ने सोचा कि अब तो यह शेर लोमड़ी को मारकर खा ही जाएगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। लोमड़ी शेर के पास खड़ा हो गया। शेर के पास एक मांस का टुकड़ा था जिसे उसने लोमड़ी के सामने गिरा दिया। लोमड़ी ने उस टुकड़े को खाया और शेर वहां से चला गया।

यह सब देख आदमी सोचने लगा कि भगवान सही में सर्वेसर्वा है। भगवान ने दुनिया में हर प्राणी के लिए कुछ न कुछ प्रबंध किया है। यह देख व्यक्ति अपने घर को वापस लौट आया। वह घर वापस आ गया और बिस्तर पर लेट गया। 2 से 3 दिन उसने इंतजार किया कि शायद भगवान उसके लिए कुछ खाना भेजेंगे जिस तरह लोमड़ी के लिए भेजा था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

भूख के चलते उसकी हालत लगातार खराब होने लगी। वह आखिरकार अपने घर से बाहर निकला और चलने लगा। कुछ दूर एक पेड़ के नीचे बाबा बैठे थे। वह उनके पास गया और जंगल की कहानी सुनाई। उसने कहा कि भगवान उसके साथ ही ऐसा क्यों कर रहे हैं। उनके पास जानवरों के लिए भोजन का प्रबंध है. लेकिन इंसानों के लिए नहीं। ऐसा क्यों।

बाबा जी ने उत्तर दिया कि ऐसा नहीं है। भगवान के पास सारे प्रबंध हैं। लेकिन वो तुम्हें लोमड़ी नहीं बल्कि शेर बनाना चाहते हैं।

सीख- हम सभी ने क्षमताओं का असीम भंडार होता है। बस हम उन क्षमताओं को पहचान नहीं पाते हैं। हमें खुद की क्षमता को पहचानना चाहिए। दूसरों की सहायता की प्रतीक्षा में वक्त जाया नहीं करना चाहिए। आप खुद को सक्षम बनाइए और दूसरों की सहायता करें।


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