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Motivational Quotes: नीच राजा भी हो सकता है श्रेष्ठ, प्रसिद्ध लोगों से जानें क्या है राजनीति

Motivational Quotes जागरण आधायत्म के इस लेख में हम राजनीति पर दुनिया के महान लोगों ने क्या विचार रखे हैं ये संकलन आप लोगों के लिए लेकर आए हैं। जेम्स फ्रीमैन क्लॉक का कहना है कि राजनीतिज्ञ अगले चुनाव की सोचता है और राजनेता अगली पीढ़ी की।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2020 08:33 AM (IST)Updated: Thu, 15 Oct 2020 08:33 AM (IST)
Motivational Quotes: नीच राजा भी हो सकता है श्रेष्ठ, प्रसिद्ध लोगों से जानें क्या है राजनीति
Motivational Quotes: नीच राजा भी हो सकता है श्रेष्ठ

Motivational Quotes: हमारा देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। देश में कहीं न कहीं हर साल चुनाव होते रहते हैं। दुनिया के सभी डेमोक्रेटिक कंट्रीज में भी ऐसा ही आलम रहता है। अभी यहां हमारे देश में बिहार में चुनाव होने हैं। कई राज्यों में उप चुनाव होने हैं। अमेरिका में राष्ट्रपति के चुनाव सिर पर हैं। इन सब के बीच जागरण आधायत्म के इस लेख में हम राजनीति पर दुनिया के महान लोगों ने क्या विचार रखे हैं, ये संकलन आप लोगों के लिए लेकर आए हैं।

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आइवर्न बाल का कहना है कि राजनीतिज्ञ वो व्यक्ति हैं, जो हिलोरे उठाता है और उसके बाद आपको यह सोचने पर मजबूर कर देता है कि वही आपके हालात में सुधार कर सकता है।

शुक्रनीति के संदर्भ में राजनीति को समझें तो वहां कहा गया है कि राजधर्मों की रक्षा करते रहने से नीच राजा भी श्रेष्ठ हो जाता है और उत्तम राजा भी राजधर्म का नाश करने से नीचता को प्राप्त हो जाता है।

जयशंकर प्रसाद ने लिखा है- राजनीति के सिद्धांत में राष्ट्र की रक्षा सब उपायों से करने का आदेश है, इसलिए राजा, राजकुमार और अमात्य सबका विसर्जन किया जा सकता है, किन्तु राज्य विसर्जन अंतिम उपाय है।

रॉबर्ट लुई स्टीवेंस का कहना है कि संभवत: राजनीति ही ऐसा पेशा है, जिसके लिए किसी प्रकार की तैयारी आवश्यक नहीं मानी गई है।

रिचर्ड निकसन का मत है कि राजनीति में कभी भी पूर्ण वियज नहीं होती है।

डिजरायली का कहना है कि राजनीति में अंतिम कुछ नहीं होता है। यह राजनीति की भाषा नहीं है।

बाल गंगाधर तिलक ने कहा था कि राजनीति साधुओं के लिए नहीं है।

जेम्स फ्रीमैन क्लॉक का कहना है कि राजनीतिज्ञ अगले चुनाव की सोचता है और राजनेता अगली पीढ़ी की।

हजारी प्रसाद द्विवेदी का कहना है कि राजनीति भुजंग से भी अधिक कुटिल है, असिधारा से भी अधिक दुर्लभ है और विद्युत शिखा से भी अधिक चंचल।


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