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    Mesh Sankranti 2025: मेष संक्रांति पर राशि अनुसार करें इन मंत्रों का जप, चमक उठेगा सोया भाग्य

    सोमवार का दिन देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही साधक सोमवार का व्रत भी रखते हैं। भगवान शिव की पूजा करने से मनचाही मुराद पूरी होती है। मेष संक्रांति (Mesh Sankranti 2025) के दिन विशेष उपाय भी किए जाते हैं। इन उपायों को करने से करियर में मनमुताबिक सफलता मिलती है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 13 Apr 2025 10:30 PM (IST)
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    Mesh Sankranti 2025: भगवान शिव को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, सोमवार 14 अप्रैल को वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। इस शुभ अवसर पर आत्मा के कारक सूर्य देव राशि परिवर्तन करेंगे। सूर्य देव के मेष राशि में गोचर करने की तिथि पर मेष संक्रांति मनाई जाएगी। इसके साथ ही 14 अप्रैल से खरमास समाप्त हो जाएगा।

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    सनातन धर्म में संक्रांति तिथि पर गंगा स्नान करने का विधान है। इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में लोग गंगा स्नान करते हैं। साथ ही स्नान-ध्यान के बाद सूर्य देव की पूजा करते हैं। सोमवार के दिन पड़ने के चलते स्नान-ध्यान के बाद साधक देवों के देव महादेव का जलाभिषेक करेंगे।

    देवों के देव महादेव जलाभिषेक से जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। अपनी कृपा साधक पर बरसाते हैं। महादेव की कृपा से साधक को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही दुखों का नाश होता है। अगर आप भी भगवान शिव की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो मेष संक्रांति तिथि पर भक्ति भाव से महादेव की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय राशि अनुसार इन मंत्रों का जप करें।

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    राशि अनुसार दान

    • मेष राशि के जातक मेष संक्रांति के दिन 'ॐ महाकाल नमः और ॐ गंगायै नमः' मंत्र का जप करें।
    • वृषभ राशि के जातक संक्रांति के दिन 'ॐ रुद्रनाथ नमः और  ॐ अनलायै नमः' मंत्र का जप करें।
    • मिथुन राशि के जातक मेष संक्रांति पर 'ॐ नटराज नमः और  ॐ अव्ययायै नमः' मंत्र का जप करें।
    • कर्क राशि के जातक संक्रांति के दिन 'ॐ चंद्रमोली नमः और ॐ उमासपत्न्यै नमः' मंत्र का जप करें।
    • सिंह राशि वाले सूर्य देव की कृपा पाने के दिन 'ॐ भोलेनाथ नमः और ॐ त्रिवेण्यै नमः'मंत्र का जप करें।
    • कन्या राशि के जातक मेष संक्रांति के दिन 'ॐ नंदराज नमः और ॐ जयायै नमः ' मंत्र का जप करें।  
    • तुला राशि के जातक मेष संक्रांति के दिन 'ॐ विषधारी नमः और ॐ सावित्र्यै नमः' मंत्र का जप करें।
    • वृश्चिक राशि के जातक संक्रांति के दिन 'ॐ विश्वनाथ नमः और ॐ जगन्मात्रे नमः' मंत्र का जप करें।
    • धनु राशि के जातक संक्रांति के दिन 'ॐ गोरापति नमः और ॐ नन्दिन्यै नमः' मंत्र का जप करें।  
    • मकर राशि के जातक मेष संक्रांति के दिन 'ॐ ओंकारेश्वर नमः और ॐ शरण्यै नमः' मंत्र का जप करें।
    • कुंभ राशि के जातक मेष संक्रांति के दिन 'ॐ नीलकंठ नमः और ॐ अनन्तायै नमः' मंत्र का जप करें।
    • मीन राशि के जातक मेष संक्रांति पर 'ॐ त्रिलोकनाथ नमः और ॐ पूर्णायै नमः' मंत्र का जप करें।

    शिवजी की आरती

    ॐ जय शिव ओंकारा,स्वामी जय शिव ओंकारा।

    ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,अर्द्धांगी धारा॥

    ॐ जय शिव ओंकारा...

    एकानन चतुराननपञ्चानन राजे।

    हंसासन गरूड़ासनवृषवाहन साजे॥

    ॐ जय शिव ओंकारा...

    दो भुज चार चतुर्भुजदसभुज अति सोहे।

    त्रिगुण रूप निरखतेत्रिभुवन जन मोहे॥

    ॐ जय शिव ओंकारा...

    अक्षमाला वनमालामुण्डमाला धारी।

    त्रिपुरारी कंसारीकर माला धारी॥

    ॐ जय शिव ओंकारा...

    श्वेताम्बर पीताम्बरबाघम्बर अंगे।

    सनकादिक गरुणादिकभूतादिक संगे॥

    ॐ जय शिव ओंकारा...

    कर के मध्य कमण्डलुचक्र त्रिशूलधारी।

    सुखकारी दुखहारीजगपालन कारी॥

    ॐ जय शिव ओंकारा...

    ब्रह्मा विष्णु सदाशिवजानत अविवेका।

    प्रणवाक्षर मध्येये तीनों एका॥

    ॐ जय शिव ओंकारा...

    लक्ष्मी व सावित्रीपार्वती संगा।

    पार्वती अर्द्धांगी,शिवलहरी गंगा॥

    ॐ जय शिव ओंकारा...

    पर्वत सोहैं पार्वती,शंकर कैलासा।

    भांग धतूर का भोजन,भस्मी में वासा॥

    ॐ जय शिव ओंकारा...

    जटा में गंगा बहत है,गल मुण्डन माला।

    शेष नाग लिपटावत,ओढ़त मृगछाला॥

    ॐ जय शिव ओंकारा...

    काशी में विराजे विश्वनाथ,नन्दी ब्रह्मचारी।

    नित उठ दर्शन पावत,महिमा अति भारी॥

    ॐ जय शिव ओंकारा...

    त्रिगुणस्वामी जी की आरतीजो कोइ नर गावे।

    कहत शिवानन्द स्वामी,मनवान्छित फल पावे॥

    ॐ जय शिव ओंकारा...

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।