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    Masik Shivratri 2025: कब है साल की पहली मासिक शिवरात्रि? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Thu, 16 Jan 2025 09:06 PM (IST)

    सनातन धर्म में माघ का महीना देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। माघ महीने में (Masik Shivratri 2025) भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा की जाती है। इस महीने में मौनी अमावस्या पर भगवान शिव की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं।

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    Masik Shivratri 2025: भगवान शिव को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि देवों के देव महादेव को समर्पित है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव और मां पार्वती की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। इसके साथ ही शिव-शक्ति के निमित्त मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।

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    शिव पुराण में निहित है कि मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2025) व्रत करने से विवाहित महिलाओं के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। वहीं, अविवाहित जातकों की शीघ्र शादी हो जाती है। इस व्रत को महिला एवं पुरुष दोनों कर सकते हैं। आइए, मासिक शिवरात्रि की तिथि, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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    मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त (Masik Shivratri Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 27 जनवरी को रात 08 बजकर 34 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 28 जनवरी को शाम 07 बजकर 35 मिनट पर समाप्त होगी। मासिक शिवरात्रि पर निशा काल में शिव-शक्ति की पूजा होती है। अतः 27 जनवरी को माघ माह की शिवरात्रि मनाई जाएगी।

    मासिक शिवरात्रि शुभ योग (Masik Shivratri Shubh Yog)

    मासिक शिवरात्रि पर हर्षण योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग देर रात 28 जनवरी को रात 01 बजकर 57 मिनट तक है। इसके साथ ही भद्रावास का भी संयोग बन रहा है। भद्रावास रात 08 बजकर 34 मिनट से है। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक की हर एक मनोकामना पूरी होगी।

    पंचांग

    सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 12 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 56 मिनट पर

    शुभ समय

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 26 मिनट से 06 बजकर 19 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 21 मिनट से 03 बजकर 04 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 54 मिनट से 06 बजकर 20 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 01 बजे तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।