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    Masik Shivratri 2024: पौष मासिक शिवरात्रि पर भद्रावास योग का हो रहा है निर्माण, प्राप्त होगा महादेव का आशीर्वाद

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 08 Jan 2024 06:19 PM (IST)

    Masik Shivratri 2024 सनातन धर्म में मासिक शिवरात्रि तिथि पर निशा काल में भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा की जाती है। वहीं पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि देर रात 10 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी। इससे पूर्व त्रयोदशी है। आसान शब्दों में कहें तो 09 जनवरी को देर रात 10 बजकर 24 मिनट तक त्रयोदशी है।

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    Masik Shivratri 2024: पौष मासिक शिवरात्रि पर भद्रावास योग का हो रहा है निर्माण, प्राप्त होगा महादेव का आशीर्वाद

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Masik Shivratri 2024: सनातन पंचांग के अनुसार, 09 जनवरी को पौष माह की मासिक शिवरात्रि है। यह पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन देवों के देव महादेव की पूजा की जाती है। साथ ही विशेष कार्यों में सिद्धि प्राप्ति हेतु व्रत रखा जाता है। ज्योतिषियों की मानें तो कई वर्षों बाद ऐसा संयोग बना है, जब मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत एक साथ मनाया जाएगा। प्रदोष व्रत एवं मासिक शिवरात्रि पर एक साथ कई शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से दुर्लभ फल की प्राप्ति होगी। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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    शुभ मुहूर्त

    सनातन धर्म में मासिक शिवरात्रि तिथि पर निशा काल में भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा की जाती है। वहीं, पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि देर रात 10 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी। इससे पूर्व त्रयोदशी है। आसान शब्दों में कहें तो 09 जनवरी को देर रात 10 बजकर 24 मिनट तक त्रयोदशी है। साधक प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि का व्रत एक साथ रख सकते हैं।

    शुभ योग

    ज्योतिषियों की मानें तो प्रदोष व्रत पर वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण देर रात 12 बजकर 22 मिनट तक है। इसके बाद ध्रुव योग का संयोग बनेगा। अतः भगवान शिव की पूजा वृद्धि योग में होगी। वहीं, निशा काल में पूजा के लिए निशिता मुहूर्त देर रात 12 बजकर 01 मिनट से लेकर 12 बजकर 55 मिनट तक है।

    भद्रावास योग  

    ज्योतिषियों की मानें तो पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के समय पर ही भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। भद्रावास योग 10 बजकर 24 मिनट से लेकर रात भर है। इस समय भद्रा पाताल लोक में रहेंगी। शास्त्रों में निहित है कि भद्रा के पाताल में रहने के दौरान पृथ्वी के समस्त प्राणियों का कल्याण होता है। अतः इस समय में भगवान शिव का सुमिरन करने से अक्षय फल की प्राप्ति होगी।  

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    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।