Masik Krishna Janmashtami पर इस तरह करें कान्हा जी को प्रसन्न, जानें भोग, पूजा विधि और मंत्र
हर माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। इस दिन पर भगवान श्रीकृष्ण की विधि-विधा का विधान है। कार्तिक माह की मासिक कृष्ण जन्माष्टमी अहोई अष्टमी के दिन मनाई जाएगी। ऐसे में चलिए जानते हैं इस मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के लिए शुभ मुहूर्त पूजा विधि व मंत्र ताकि आप इस व्रत का पूर्ण फल प्राप्त कर सकें।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। मासिक कृष्ण जन्माष्टमी (Masik Janmashtami 2024 Date) के दिन आप भगवान श्रीकृष्ण की विधिवत पूजा-अर्चना द्वारा लाभ प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे में आप कार्तिक माह की मासिक जन्माष्टमी पर आप विधिवत रूप से भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप यानी लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना कर सकते हैं, जिससे कान्हा जी की कृपा आपके ऊपर बनी रहे।
शुभ मुहूर्त (Masik Janmashtami Shubh Muhurat)
कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 24 अक्टूबर को देर रात 01 बजकर 18 मिनट पर हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 25 अक्टूबर को देर रात 01 बजकर 58 मिनट पर होगा। ऐसे में मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत गुरुवार, अक्टूबर 24 को किया जाएगा। इस दिन शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहने वाला है -
मासिक कृष्ण जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 40 मिनट से 25 अक्टूबर 12बजकर 31 मिनट पर
मासिक जन्माष्टमी पूजा विधि
मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान आदि से निवृत हो जाएं। इसके बाद लड्डू गोपाल को पंचामृत से स्नान कराएं और फिर पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करवाएं। अब लड्डू गोपाल को नए वस्त्र पहनाकर उनका शृंगार करें। इसके साथ ही लड्डू गोपाल को उनके प्रिय माखन मिश्री का भोग लगाएं और घी का एक दीपक जलाएं। कान्हा जी की कृपा प्राप्ति के लिए ‘ओम् नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जप करें।
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इन चीजों का लाएं भोग
मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन आप कान्हां जी को खीर का भोग लगा सकते हैं। इसी के साथ आप उन्हें माखन मिश्री का भी भोग भी लगा सकते हैं, जो उनका प्रिय भोग है। इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें कि उनके भोग में और तुलसी दल जरूर डालें। क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी के बिना लड्डू गोपाल जी का भोग अधूरा माना जाता है।
करें इन मंत्रों का जप
- श्रीकृष्ण के शक्तिशाली मंत्र
- कृं कृष्णाय नमः
- ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण: प्रचोदयात
- ओम क्लीम कृष्णाय नमः
- गोकुल नाथाय नमः
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