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    Masik Krishna Janmashtami 2024: वैशाख माह में कब है मासिक कृष्ण जन्माष्टमी? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

    Updated: Wed, 24 Apr 2024 04:33 PM (IST)

    हर महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी (Masik Krishna Janmashtami 2024) का त्योहार मनाया जाता है। इस खास अवसर पर लड्डू गोपाल की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही व्रत किया जाता है। इस बार मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 01 मई को है। कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

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    Masik Krishna Janmashtami 2024: वैशाख माह में कब है मासिक कृष्ण जन्माष्टमी? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Masik Krishna Janmashtami 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। इस खास अवसर पर लड्डू गोपाल की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही व्रत किया जाता है। इस बार मासिक कृष्ण जन्माष्टमी 01 मई को है। मान्यता है कि इस दिन प्रभु की उपासना करने से इंसान के पापों का नाश होता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

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    मासिक कृष्ण जन्माष्टमी 2024 शुभ मुहूर्त  

    वैशाख माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 01 मई 2024 को सुबह 05 बजकर 45 मिनट पर शुरू हो रही है। साथ ही इसका समापन 02 मई 2024 को सुबह 04 बजकर 01 मिनट पर होगा। ऐसे में 01 मई को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी।

    मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि  

    • मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और दिन की शुरुआत प्रभु के ध्यान से करें।
    • इसके बाद स्नान कर मंदिर की सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें।
    • मंदिर में चौकी पर कपड़ा बिछाकर श्रीकृष्ण और श्री राधा रानी की मूर्ति विराजमान करें।
    • अब देशी घी का दीपका जलाएं और आरती करें।  
    • भगवान श्रीकृष्ण जन्म कथा का पाठ करें।  
    • इसके बाद पश्चात प्रभु को मिश्री और माखन का भोग लगाएं। भोग में तुलसी दल को जरूर शामिल करें।
    • जीवन में सुख और शांति के लिए भगवान से प्रार्थना करें।
    • लोगों में प्रसाद का वितरण करें और खुद भी ग्रहण करें
    • गरीबों में श्रद्धा अनुसार भोजन और वस्त्र का दान करें।

    भगवान श्रीकृष्ण के मंत्र

    श्रीकृष्ण मूल मंत्र

    हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।

    हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।।

    संकट नाशक मंत्र

    कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।

    प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:

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    डिसक्लेमर- 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'