Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Masik Durgashtami 2024: आज है मासिक दुर्गाष्टमी, नोट करें पूजा विधि, शुभ रंग, भोग और मंत्र

    मासिक दुर्गाष्टमी का दिन बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन जो लोग मां दुर्गा की पूजा भाव के साथ करते हैं उनकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। साथ ही जीवन में शुभता का आगमन होता है। इस माह यह व्रत 14 जून 2024 यानी की आज के दिन रखा जाएगा। अगर आप माता रानी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो आज के दिन उनकी विधि अनुसार पूजा करें।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Fri, 14 Jun 2024 09:10 AM (IST)
    Hero Image
    Masik Durgashtami 2024: मासिक दुर्गाष्टमी 2024 पूजा विधि

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत बहुत कल्याणकारी माना जाता है। यह दिन देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार यह व्रत (Masik Durgashtami 2024) 4 जून, 2024 दिन शुक्रवार यानी की आज के दिन रखा जाएगा। इस शुभ अवसर पर भक्त देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और उनके लिए कठिन व्रत का पालन करते हैं, तो आइए पूजा से पहले यहां दी गई पूजा विधि के बारे में अच्छे से जान लेते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    माता दुर्गा का शुभ रंग - लाल

    भोग - बर्फी, हलवा, पूरी और चने

    मासिक दुर्गाष्टमी 2024 पूजा विधि

    • सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
    • घर और मंदिर को अच्छी तरह साफ करें।
    • हलवा, पूरी और चने का भोग तैयार करें।
    • देवी का विधिवत अभिषेक करें।
    • उन्हें रोली, हल्दी, कुमकुम का तिलक लगाएं।
    • देवी दुर्गा के सामने एक दीपक जलाएं।
    • गुड़हल के फूलों की माला अर्पित करें।
    • इसके अलावा फूल, मीठा पान, सूखे मेवे और 5 प्रकार के मौसमी फल चढ़ाएं।
    • देवी को शृंगार का सामान जरूर चढ़ाएं।
    • माता रानी के कवच, अर्गला, कीलक सहित दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
    • माता रानी के वैदिक मंत्रों का भी जाप करें।
    • अंत में दुर्गा चालीसा के बाद देवी की भव्य आरती करें।
    • अगले दिन सात्विक भोजन से अपना व्रत खोलें।

    इन वैदिक मंत्रों से करें माता रानी की पूजा

    1. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।

    शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।

    2. ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

    दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।

    3. या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,

    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

    यह भी पढ़ें: Masik Durgashtami 2024: मासिक दुर्गाष्टमी पर करें इस चालीसा का पाठ, मां आदिशक्ति का मिलेगा आशीर्वाद

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।