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    सावन माह की कृष्णाष्टमी पर शिववास योग का हो रहा है निर्माण, संवर जाएगी बिगड़ी किस्मत

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Thu, 25 Jul 2024 06:33 PM (IST)

    सावन का महीना बेहद शुभ माना जाता है। यह महीना देवों के देव महादेव को पूर्णतया समर्पित होता है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। इनमे ...और पढ़ें

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    Lord Krishna: कब मनाई जाएगी मासिक कृष्णाष्टमी?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान श्रीकृष्ण की महिमा अपरंपार है। अपने भक्तों के सभी दुखों को हर लेते हैं। उनकी कृपा से साधक की बिगड़ी किस्मत भी बदल जाती है। इसके लिए भगवान श्रीकृष्ण को जगत का पालनहार कहा जाता है। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता ज्ञान में जीवन जीने का मुख्य उद्देश्य बताया है। हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक कृष्णाष्टमी मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार, सावन माह की कृष्णाष्टमी 27 जुलाई को है। ज्योतिषियों की मानें तो मासिक कृष्णाष्टमी पर दुर्लभ शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भी भगवान कृष्ण की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। साथ ही जीवन में मंगल का आगमन होगा। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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    शुभ मुहूर्त (Mashik Krishna Janmashtami 2024 Shubh Muhurat)

    पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 27 जुलाई को भारतीय समयानुसार संध्याकाल 09 बजकर 19 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन  28 जुलाई को शाम 07 बजकर 27 मिनट पर होगा। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म निशा काल या मध्य रात्रि में हुआ है। अतः 27 जुलाई को ही मासिक कृष्णाष्टमी का व्रत रखा जाएगा। वहीं, पूजा निशा काल में की जाएगी।

    शिववास (Shivvas Yoga Sawan 2024)

    ज्योतिषियों की मानें तो सावन माह की कृष्णाष्टमी पर दुर्लभ शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सावन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि से हो रहा है। आसान शब्दों में कहें तो शिववास योग का निर्माण रात 09 बजकर 19 मिनट से हो रहा है। इस समय से ही अष्टमी शुरू होगी। अतः मासिक कालाष्टमी पर दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस योग में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से साधक के जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाएंगे।

    योग एवं करण

    मासिक कृष्ण अष्टमी पर रवि योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही धृति योग का भी संयोग बन रहा है। वहीं, सावन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर बव एवं बालव करण का भी निर्माण हो रहा है। इन योग में जग के नाथ भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी।  

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।