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    Vinayak Chaturthi 2025 Date: मार्च महीने में कब है विनायक चतुर्थी? शुभ मुहूर्त एवं योग के लिए पढ़ें यह खबर

    भगवान गणेश को कई नामों से जाना जाता है। भगवान गणेश की पूजा करने से धन की परेशानी दूर होती है। साथ ही सभी संकटों से मुक्ति मिलती है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में देवों के देव महाेदव के पुत्र भगवान गणेश की श्रद्धा भाव से पूजा की जाती है। साथ ही चतुर्थी का व्रत (Vinayak Chaturthi 2025 Date) रखा जाता है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 27 Feb 2025 07:00 AM (IST)
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    Vinayak Chaturthi 2025: विनायक चतुर्थी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में फाल्गुन माह का विशेष महत्व है। यह महीना देवों के देव महादेव को प्रिय होता है। इस महीने में महाशिवरात्रि और होली मनाई जाती है। इसके साथ ही कई अन्य प्रमुख व्रत एवं त्योहार मनाए जाते हैं। वहीं, शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के अगले दिन विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

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    धार्मिक मत है कि चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की पूजा करने से साधक के आय, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती है। आइए, फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2025 Date) की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं।

    विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Vinayak Chaturthi Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 02 मार्च को रात 09 बजकर 01 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, चतुर्थी तिथि का समापन 03 मार्च को शाम 06 बजकर 02 मिनट पर होगा। इस दिन चन्द्रास्त रात 10 बजकर 11 मिनट पर होगा। साधक 03 मार्च को विनायक चतुर्थी का व्रत रख सकते हैं।

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    विनायक चतुर्थी शुभ योग (Vinayak Chaturthi Shubh Yog)

    फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर शुक्ल और ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है। शुक्ल योग सुबह 08 बजकर 57 मिनट तक है। इसके बाद ब्रह्म योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही भद्रावास योग का भी संयोग बनेगा। इसके अलावा, अश्विनी नक्षत्र का भी योग है। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक ही हर मनोकामना पूरी होगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 44 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 22 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- सुबह 08 बजकर 40 मिनट पर
    • चंद्रास्त- रात 10 बजकर 11 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 05 मिनट से 05 बजकर 55 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 16 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 20 मिनट से 06 बजकर 45 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 08 मिनट से 12 बजकर 57 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।