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    Mangla Gauri Vrat 2024: मंगला गौरी व्रत में करें इस कथा का पाठ, अखंड सौभाग्य की होगी प्राप्ति

    Updated: Tue, 23 Jul 2024 10:10 AM (IST)

    पंचांग के अनुसार सावन का पहला मंगला गौरी व्रत आज यानी 23 जुलाई को है। धार्मिक मत है कि मंगला गौरी व्रत करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ऐसा कहा जाता है कि मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat Katha) के दौरान कथा का पाठ न करने से पूजा अधूरी रहती है। इसलिए आप मंगला गौरी व्रत कथा का पाठ जरूर करें।

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    Mangla Gauri Vrat 2024 Date: मंगला गौरी व्रत पर करें माता पार्वती की पूजा

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mangla Gauri Vrat Katha: सावन के महीने में पड़ने वाले मंगलवार को मंगला गौरी व्रत किया जाता है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव के संग माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही संतान प्राप्ति के लिए व्रत भी किया किया जाता है।

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    मंगला गौरी व्रत कथा (Mangla Gauri Vrat Katha in Hindi)

    पौराणिक कथा के अनुसार, एक शहर में व्यापारी रहता था, जिसका नाम धर्मपाल था। उसके पास अधिक मात्रा में संपत्ति थी। व्यापारी को केवल एक मात्र दुख यह था कि उसकी कोई संतान नही थी। सच्चे मन से पूजा करने के बाद उसे पुत्र की प्राप्ति हुई, लेकिन संतान की कुंडली से यह पता चला कि बालक की 16 वर्ष में सर्प दंश से मृत्‍यु हो जाएगी। उसकी शादी 16 साल से पूर्व हो गई। संतान की पत्नी मंगला गौरी व्रत करती थी। मान्यता है कि इस व्रत के पुण्य से वह जीवन में विधवा नहीं हुई और उसके पति को जीवनदान मिल गया। तभी से सावन में पड़ने वाले हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत करने की शुरुआत हुई।

    मंगला गौरी की आरती (Mangla Gauri Aarti)

    जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता

    ब्रह्मा सनातन देवी शुभ फल दाता। जय मंगला गौरी...।

    अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता,

    जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता। जय मंगला गौरी...।

    सिंह को वाहन साजे कुंडल है,

    साथा देव वधु जहं गावत नृत्य करता था। जय मंगला गौरी...।

    सतयुग शील सुसुन्दर नाम सटी कहलाता,

    हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता। जय मंगला गौरी...।

    शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता,

    सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाता। जय मंगला गौरी...।

    सृष्टी रूप तुही जननी शिव संग रंगराताए

    नंदी भृंगी बीन लाही सारा मद माता। जय मंगला गौरी...।

    देवन अरज करत हम चित को लाता,

    गावत दे दे ताली मन में रंगराता। जय मंगला गौरी...।

    मंगला गौरी माता की आरती जो कोई गाता

    सदा सुख संपति पाता।

    जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।