Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Mangla Gauri Vrat: इस विधि से करें सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत, मिलेगा अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद

    Mangala Gauri Vrat सावन के सभी मंगलवार मां पार्वती को समर्पित हैं। मंगला गौरी का व्रत सावन मास के प्रत्येक मंगलवार को विवाहित स्त्रियों द्वारा किया जाता है। विधि-विधान के साथ इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन सुखमय बना रहता है। मां मंगला गौरी माता पार्वती का ही रूप हैं। इन्हें मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी के नाम से भी जाना जाता है।

    By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Tue, 11 Jul 2023 12:58 PM (IST)
    Hero Image
    Mangla Gauri Vrat ऐसे करें सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Mangala Gauri Vrat: सावन के महीने में जितना महत्व सोमवार के व्रत का है उतना ही महत्व मंगला गौरी व्रत का भी है जो मंगलवार के दिन रखा जाता है। यह दिन भगवान शिव की अर्धांगिनी माता पार्वती को समर्पित है। आज यानी 11 जुलाई 2023 को सावन माह दूसरा मंगलवार है। आज के दिन सुहागिन स्त्रियों द्वारा मंगला गौरी व्रत किया जाएगा। जानिए कैसे करें ये व्रत।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जानें व्रत की विधि

    •  श्रावण महीने के पहले मंगलवार के दिन से मंगला गौरी व्रत शुरू करें और श्रावण महीने के अंतिम मंगलवार तक इस व्रत को करना चाहिए।
    •  इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प करें।
    •  एक साफ लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाकर उसपर मां पार्वती की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
    • मंदिर में आटे का दीपक बनाकर जलाकर, विधि-विधान के साथ माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें।
    • मां मंगला गौरी व्रत के दौरान माता को आटे के लड्डू, फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, और सुहाग सामग्री अर्पित करनी चाहिए। पूजा में जो भी सामग्री हो उसकी संख्या 16 होनी चाहिए।
    • पूजा के बाद  मां गौरी की आरती करें और उनसे अखंड सौभाग्य के लिए प्रार्थना करें।

    व्रत के दौरान करें इन चीजों का सेवन

    व्रत के दौरान शुद्ध एवं शाकाहारी भोजन ही किया जाता है। मंगला गौरी व्रत के दौरान आप फल जैसे- सेब, केला, अंगूर आदि खा सकती हैं। इसके अलावा साबुदाने की खीर इत्यादि खाने चाहिए। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि इस दिन भोजन में किसी भी प्रकार के नमक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। सूर्यास्त के बाद भोजन कर लेना चाहिए।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'