Mangala Gauri Vrat 2025: मंगला गौरी व्रत पर यह उपाय दिलाएंगे शिवजी और मां पार्वती की कृपा
सुहागिन महिलाओं द्वारा मंगला गौरी व्रत किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन खुशहाली बना है। साथ ही कुंवारी कन्याएं अगर इस व्रत को करती हैं तो उन्हें सुयोग्य वर की प्राप्ति हो सकती है। ऐसे में आप मंगला गौरी व्रत के दिन ये खास उपाय कर सकते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सावन में आने वाले मंगलवार पर मां पार्वती के निमित्त मंगला गौरी व्रत करने का विधान है। इस दिन विशेष रूप से शिव-पार्वती जी की आराधना की जाती है। शादीशुदा महिलाओं के साथ-साथ यह व्रत कुंवारी कन्याएं द्वारा भी किया जाता है।
इस व्रत को करने से जीवन में जीवन में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। 15 जुलाई को पहला मंगला गौरी व्रत किया गया था, वहीं दूसरा मंगला गौरी व्रत 22 जुलाई को किया जाएगा।
इस तरह करें पूजा
मंगला गौरी व्रत के दिन नित्य कर्मों से निवृत्त होने के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनें। इसके बाद पूजा स्थल की सफाई करके गंगाजल का छिड़काव करें। मां मंगला गौरी (पार्वती जी) की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें। पूजा में मां पार्वती को फल, फूल, मिठाई और 16 शृंगार का सामान अर्पित करें।
सुख-समृद्धि की कामना करते हुए भगवान शिव और मां पार्वती के मंत्रों का जप करें। अंत में आरती करें और सभी में प्रसाद बांटे।
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दूर होगा गृह-क्लेश
जिन लोगों के घर में आए दिन क्लेश होते रहते हैं या पति से संबंध अच्छे नहीं हैं, तो उन्हें मंगाल गौरी व्रत के दिन ये उपाय करना चाहिए। इस दिन प्रदोष काल में देवी गौरी की पूजा करें और पति-पत्नी मिलकर सुहाग की 11 सामग्री का विवाहित महिलाओं में दान करें। इस उपाय को करने से आपको गृह-क्लेश की स्थिति से छुटकारा मिल सकता है।
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करें इन मंत्रों का जप
मंगला गौरी व्रत के दिन आप प्रदोष काल में भगवान शिव और देवी गौरी की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करें। साथ ही ‘ॐ गौरीशंकराय नमः’ मंत्र का कम-से-कम 108 बार जप करें। इस रात विवाहित महिलाओं को मंगला गौरी स्तोत्र का पाठ भी जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याओं से आपको मुक्ति मिल सकती है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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