Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Mangla Gauri Vrat 2024: मंगला गौरी व्रत पर भद्रावास योग समेत बन रहे हैं 6 अद्भुत संयोग, प्राप्त होगा अक्षय फल

    ज्योतिषियों की मानें तो मंगला गौरी व्रत (Mangala Gauri Vrat Importance) पर शिव-शक्ति की पूजा करने से मंगल दोष का प्रभाव भी कम होता है। इस दिन पूजा के समय मां पार्वती को सिंदूर अवश्य भेंट करें। साथ ही लाल रंग की वस्तुएं माता रानी को अर्पित कर सकते हैं। ऐसा करने से व्रती पर मां पार्वती की विशेष कृपा बरसेगी।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 29 Jul 2024 07:10 PM (IST)
    Hero Image
    Mangla Gauri Vrat 2024: मंगला गौरी व्रत का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mangala Gauri Vrat 2024: सावन का महीना भगवान शिव को प्रिय है। इस महीने में भगवान शिव संग मां पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त सावन सोमवार का व्रत और मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। मंगला गौरी व्रत सावन महीने में हर मंगलवार को रखा जाता है। यह व्रत विवाहित महिलाएं सुख और सौभाग्य में वृद्धि और संतान प्राप्ति के लिए रखती हैं। वहीं, अविवाहित लड़कियां शीघ्र विवाह के लिए करती हैं। ज्योतिषियों की मानें तो मंगला गौरी व्रत पर दुर्लभ भद्रावास योग समेत कई अन्य मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में शिव-शक्ति की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। आइए जानते हैं-

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह भी पढ़ें: क्यों भगवान शिव को प्रिय है सावन का महीना और क्या है इसका धार्मिक एवं वैज्ञानिक महत्व?


    भद्रावास योग

    सावन माह के दूसरे मंगल पर भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। यह योग संध्याकाल 04 बजकर 44 मिनट तक है। इस दौरान भद्रा स्वर्ग में रहेंगी। भद्रा के स्वर्ग और पाताल में रहने के दौरान भगवान शिव की उपासना करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी बिगड़े कार्य भी बन जाते हैं।

    वृद्धि योग

    सावन माह के दूसरे मंगलवार पर वृद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग दोपहर 03 बजकर 56 मिनट तक है। इसके बाद ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। इन दोनों योग में भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा करने से व्रती को अक्षय और अमोघ फल की प्राप्ति होगी।

    सर्वार्थ सिद्धि योग

    मंगला गौरी व्रत पर सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण प्रातः काल 05 बजकर 57 मिनट से हो रहा है। वहीं, इसका समापन सुबह 10 बजकर 23 मिनट पर हो रहा है। इस समय में साधक मां पार्वती एवं भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं। इस दिन कृत्तिका एवं रोहिणी नक्षत्र का संयोग बन रहा है।

    यह भी पढ़ें: सावन बुधवार पर रोहिणी नक्षत्र में गोचर करेंगे देवगुरु बृहस्पति, ये 5 राशि के जातक होंगे मालामाल

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।