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    शादी में देरी या हमेशा रहते हैं बीमार तो हो सकता है कुंडली में ये दोष, निवारण के लिए अपनाएं ये उपाय

    By Shivani SinghEdited By:
    Updated: Tue, 19 Apr 2022 11:09 AM (IST)

    Mangal Dosh ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में मंगल की स्थिति खराब होने से वैवाहिक जीवन में समस्या होने के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक बीमारियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में जानिए मंगल दोष के लक्षण और उपाय।

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    Mangal Dosha: मंगल दोष के लक्षण और निवारण

     नई दिल्ली, Mangal Dosh: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में मौजूद हर एक ग्रह का अपना एक स्थान और लाभ होता है। लेकिन अगर इनमें से किसी एक ग्रह की भी दशा खराब हो जाएं तो व्यक्ति को कई तरह की शारीरिक, मानसिक और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसी तरह अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल की दशा खराब है तो इसे मंगल दोष या फिर मांगलिक दोष के नाम से जाना जाता है। इसके कारण कर्ज का बोझ बढ़ जाता है। इसके अलावा प्रापर्टी संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं कि कुंडली में मंगल दोष कैसे बनता है, इसके लक्षण और कैसे करें बचाव।

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    मंगल दोष के लक्षण

    ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब कुंडली में किसी ग्रह की स्थिति खराब होती है तो वह संकेत देना शुरू कर देते हैं जिन्हें पहचान कर आप कुछ उपाय कर सकते हैं। इसी तरह मंगल ग्रह की स्थिति कुंडली में खराब होने पर वह कई तरह के संकेत देना शुरू कर देता हैं। जानिए इन लक्षणों के बारे में।

    • मंगल की स्थिति खराब होने के कारण जातक को अधिक गुस्सा आता है। इसके साथ ही उसकी किसी भी अन्य व्यक्ति से जल्दी बनती नहीं है।
    • जब मंगल कुंडली में द्वादश भाव में होता है तो व्यक्ति की विवाह में कई तरह की मुश्किल आती हैं।
    • मंगल दोष के कारण संतान प्राप्ति में दिक्कत आने लगती हैं।
    • कुंडली में मंगल दोष होने से बड़े भाई से किसी न किसी कारण लड़ाई होती रहती है।
    • कुंडली में मंगल की स्थिति खराब होने से जातक को आंखों संबंधी समस्याओं के अलावा उच्च रक्तचाप, फोड़े-फुंसी, लीवर, किडनी संबंधी कई कई शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
    • मंगल दोष के कारण कोर्ट-कचहरी के मामलों में अधिक फंसे रहते हैं।
    • मंगल दोष होने के कारण जातक को रक्त संबंधी किसी न किसी बीमारी का सामना करना पड़ता है।
    • अगर मंगल अष्टम भाव में होता है तो वैवाहिक जीवन में खटास बनी रहती है।

    कुंडली में किस भाव में होता है मंगल दोष

    ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब जन्मपत्रिका में मंगल पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव होता है तो मंगल दोष का कारण बनता है। इसी कारण जातक के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ने लगता है। लेकिन कहा जाता है कि अगर जातक की कुंडली में मंगल ग्रह पर किसी शुभ ग्रह का प्रभाव पड़ता है तो इसका दुष्प्रभाव कम हो जाता है।

    कुंडली में मंगल ग्रह मजबूत करने के उपाय

    • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर कुंडली में मंगल की स्थिति खराब है तो इसके लिए हर मंगलवार और शनिवार के दिन भगवान हनुमान जी की पूजा करना लाभकारी होगा।
    • नियमित रूप से हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और बजरंग बाण का पाठ करें। इससे भी काफी हद तक मंगल दोष से राहत मिलेगी।
    • मंगल दोष के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए लाल रंग के कपड़े में थोड़ा सा सौंफ बांध लें और इसे अपने बेडरूम में किसी जगह रख दें।
    • मंगल दोष से राहत पाने के लिए दान देना फायदेमंद साबित हो सकता है। इसलिए गेहूं, लाल रंग के वस्त्र, गुड़, तांबा, घी, शक्कर, मसूर की दाल आदि का दान करना चाहिए।
    • मंगल दोष होने के कारण शादी में अड़चन आती हैं। इसे मांगलिक दोष के नाम से जानते हैं। इस समस्या से निजात पाने के लिए भगवान हनुमान की विधिवत तरीके पूजा अर्चना करें।
    • हनुमान जी को लाल रंग का सिंदूर चढ़ाएं। इससे जातक को काफी लाभ मिलेगा।

    Pic Credit- Freepik/instagram/bhagwan_ji_ki_bhakt

    डिसक्लेमर'

    इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'