Malmas 2023: मलमास के दौरान इन चीजों से करें परहेज, बनी रहेगी भगवान विष्णु की कृपा
Malmas 2023 इस साल यानी 2023 में मलमास की शुरुआत 18 जुलाई से हो रही है। सनातन धर्म में मलमास या अधिकमास का बहुत महत्व माना गया है। मलमास को ही पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस महीने कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है। साथ ही इस दौरान कुछ ऐसी चीजों के बारे में भी बताया गया है जिनके सेवन से बचना चाहिए।

नई दिल्ली, अध्यात्म। Malmas 2023: मलमास या अधिकमास प्रत्येक 3 साल के बाद आता है। इस महीने में भले ही शुभ काम वर्जित माने गए हों, लेकिन पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं कि इस दौरान खान-पान में क्या सावधानियां बरतने की जरूरत है।
ऐसे लगता है मलमास
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि जब सूर्य ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं तो इस प्रक्रिया को संक्रांति कहते हैं। सूर्यदेव लगभग हर माह में अपनी राशि बदलते हैं। लेकिन जब सूर्य का राशि परिवर्तन नहीं होता तो इसे मलमास कहते हैं। इस समय में सभी मांगलिक कार्य जैसे शादी-विवाह, उपनयन संस्कार, मुंडन आदि करना वर्जित माना जाता है।
मलमास में भगवान विष्णु की पूजा महत्व
मान्यताओं के अनुसार, इस महीने में भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है। भगवान विष्णु के पूजन के कारण ही इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस माह में भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों को 10 गुना ज्यादा फल प्राप्त होता है।
खानपान के नियम
क्या न खाएं- मलमास या अधिकमास के दौरान शहद, चौलाई, उड़द की दाल, राई, प्याज, लहसुन, गोभी, गाजर, मूली और तिल का तेल आदि का सेवन करने से बचना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इनके सेवन से व्यक्ति के पुण्य नष्ट होने लगते हैं।
क्या खाना चाहिए- पुरुषोत्तम मास में गेहूं, चावल, सफेद धान, मूंग, जौ, तिल, मटर, बथुआ, ककड़ी, केला, घी, कटहल, आम, पीपल, जीरा, सोंठ, इमली, सुपारी, आंवला, सेंधा नमक आदि का सेवन करने की सलाह दी जाती है। यह भी सलाह दी जाती है कि इस माह केवल एक ही समय भोजन किया जाए।
अधिक मास के अन्य नियम
नए गहनों और कपड़ों की खरीदारी जैसे काम इस माह में नहीं करने चाहिए। इस दौरान मांस मदिरा का सेवन करने से बचें। इस पूरे महीने जमीन पर सोना बहुत ही शुभ माना जाता है। साथ ही इस दौरान दान-पुण्य करना भी बहुत ही शुभ माना गया है। मलमास के दौरान शरीर और मन को शुद्ध करने के लिए उपवास एक अच्छा तरीका माना गया है।
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