Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Makar Sankranti 2024: क्यों मनाया जाता है मकर संक्रांति का पर्व ? जानें इसके पीछे की कथा

    By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi Dwivedi
    Updated: Sun, 24 Dec 2023 01:23 PM (IST)

    Makar Sankranti 2024 मकर संक्रांति का पर्व बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान सूर्य की पूजा का विधान है। जातक इस दिन पर सूर्यदेव की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद मांगते हैं। इसके अलावा यह दिन वसंत ऋतु की शुरुआत और नई फसलों की कटाई का प्रतीक है। इस शुभ दिन पर लोग गंगा यमुना नर्मदा और शिप्रा नदी में पवित्र स्नान भी करते हैं।

    Hero Image
    Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति पर्व कथा

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Makar Sankranti 2024: हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का पर्व बहुत ही खास माना जाता है। 2024 में यह 15 जनवरी को मनाया जाएगा। उत्तरी भारत और पूर्व के कुछ हिस्सों में फसल के मौसम की शुरुआत के रूप में इस त्योहार को मनाया जाता है। वहीं इस पवित्र दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इसे सूर्य की यात्रा की शुरुआत का संकेत माना जाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मकर संक्रांति का इतिहास

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाभारत और पुराण दोनों में मकर संक्रांति के त्योहार के बारे में उल्लेख किया गया है। इस उत्सव की शुरुआत करने का श्रेय वैदिक ऋषि विश्वामित्र को दिया जाता है। वहीं महाभारत में उल्लेख है कि वनवास के दौरान पांडवों ने मकर संक्रांति मनाई थी। इस दिन को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं। ऐसा कहा जाता है, एक बार बार कपिल मुनि पर भगवान इंद्र के घोड़े चोरी करने का झूठा आरोप लगा दिया गया था।

    इस बात से क्रोधित होकर ऋषि ने राजा सगर के 60 हजार पुत्रों को भस्म होने का श्राप दे दिया था, जब उन्होंने अपनी करनी की क्षमा मांगी, तब कपिल मुनि का गुस्सा शांत हुआ और उन्होंने इस श्राप को खत्म करने का एक उपाय बताया कि वे देवी गंगा को पृथ्वी पर किसी भी तरह लेकर आएं।

    इसके बाद राजा सगर के पोते अंशुमान और राजा भगीरथ की कड़ी तपस्या से प्रसन्न होकर मां गंगा प्रकट हुईं। मान्यताओं अनुसार, जब राजा सगर के 60 हजार पुत्रों को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी, तभी से मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है।

    मकर संक्रांति पूजा नियम

    • सुबह सूर्योदय से पहले उठें और पवित्र स्नान करें।
    • इस दिन पवित्र नदी गंगा में स्नान करने का भी विधान है।
    • भगवान सूर्य को अर्घ्य दें और उनके मंत्रों का जाप करें।
    • भक्त देवी गंगा के प्रति अपना आभार व्यक्त करें।
    • इस पवित्र दिन पर जरूरतमंद और गरीब लोगों की मदद करें।
    • ब्राह्मणों को भोजन कराएं और ऊनी वस्त्रों के साथ दक्षिणा दें।
    • हवन और यज्ञ करने के लिए भी यह शुभ दिन है।
    • जितना हो सके इस दिन धार्मिक कार्यों से जुड़ा रहना चाहिए।

    यह भी पढ़ें : Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति पर करें भगवान सूर्य की विशेष पूजा, जानें इसका धार्मिक महत्व

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'