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    Maihar Mata Mandir: मैहर में गिरा था मां सती का हार, दर्शन के लिए चढ़नी पड़ती हैं 1063 सीढ़ियां

    By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi Dwivedi
    Updated: Mon, 12 Feb 2024 11:54 AM (IST)

    मैहर मंदिर (Maihar Mata Mandir) देवी शारदा को समर्पित है। इस स्थान को लेकर कई सारी पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। ऐसा कहा जाता है कि जब शक्ति स्वरूपा मां सती ने यज्ञ कुंड में कूदकर आत्मदाह कर लिया था तब भगवान शंकर उनके शव को लेकर पूरे ब्रह्मांड में घूम रहे थे जिन स्थानों पर देवी सती के शरीर के अंग गिरे वे पवित्र स्थान शक्तिपीठ बन गए।

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    Maihar Mata Mandir: इन कारणों से पड़ा मैहर का नाम मैहर

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Maihar Mata Mandir: मैहर मां शारदा देवी मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक है, यहां रोजाना देवी के दर्शन को लेकर भारी भीड़ होती है। यह पवित्र धाम मध्यप्रदेश के सतना जिले में मैहर तहसील के पास त्रिकूट पर्वत पर स्थित है। इस मंदिर को लेकर लोगों की कई सारी मान्यताएं हैं। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त मां के दरबार में भाव के साथ आते हैं उन्हें कभी निराश होकर नहीं लौटना पड़ता है।

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    आसान नहीं है मैहर धाम की यात्रा

    मैहर के इस शारदा देवी धाम में पहुंचना इतना आसान नहीं है। इसके लिए दर्शनार्थियों को त्रिकूट पर्वत पर 1063 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। हालांकि जो यह लंबा रास्ता तय करने में असमर्थ हैं वे रोपवे उड़न खटोले की सुविधा भी ले सकते हैं। लेकिन इसके बाद भी ज्यादातर भक्त सीढ़ियों से ही जाते हैं।  

    यहां गिरा था मां सती का हार

    यह पवित्र धाम देवी शारदा को समर्पित है। इस स्थान को लेकर कई सारी पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। ऐसा कहा जाता है कि जब शक्ति स्वरूपा मां सती ने यज्ञ कुंड में कूदकर आत्मदाह कर लिया था, तब भगवान शंकर उनके शव को लेकर पूरे ब्रह्मांड में घूम रहे थे, जिन स्थानों पर देवी सती के शरीर के अंग गिरे वे पवित्र स्थान शक्तिपीठ बन गए। उनमें से एक मैहर मंदिर भी है, यहां मां सती का हार गिरा था। यही वजह है कि इस स्थान का विशेष महत्व है।

    इन कारणों से पड़ा मैहर का नाम मैहर

    तहसील मैहर को देवी का मायका और घर होने की वजह से श्रद्धालुजन ने इसे मैहर कहकर संबोधित किया। इसके साथ ही कुछ कथाओं में यह भी कहा जाता है कि जब भगवान शंकर क्रोध में देवी सती का शव लेकर तांडव कर रहे थे उस दौरान देवी सती का हार त्रिकूट पर्वत के शिखर पर आ गिरा। इसी वजह से इस स्थान को माई के हार के आधार पर मैहर नाम से जाना जाने लगा।  

    पूरी होती हैं सभी मुरादें

    देवी शारदा की पूजा शास्त्रों में बहुत ही शुभ मानी जाती है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग मां की पूजा भाव के साथ करते हैं वे उनके ऊपर अपना आशीर्वाद सदैव बनाए रखती हैं। साथ ही बुद्धि, ज्ञान और सभी प्रयासों में सफलता प्रदान करती हैं। अगर आप भी देवी की कृपा पाना चाहते हैं, तो आपको इस चमत्कारिक मंदिर में अवश्य जाना चाहिए।

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    डिस्क्लेमर- ''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी''।