Mahavir Jayanti 2025: आपके लिए सफलता की राह खोल देंगे महावीर जी के अनमोल विचार
जैन समुदाय में महावीर जयंती (Mahavir Jayanti 2025) का पर्व एक खास महत्व रखता है जिसे बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन को संत महावीर जी के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। महावीर जी का जन्म 599 ईसा पूर्व में बिहार के कुंडा ग्राम में हुआ था। तो चलिए पढ़ते हैं भगवान महावीर जी के अनमोल विचार।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान महावीर ने जैन धर्म के मूल सिद्धांतों की स्थापना की थी, जो जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों में से एक हैं। जैन धर्म की मान्यताओं के अनुसार, महावीर जी का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर हुआ था। ऐसे में इस साल महावीर जयंती 10 अप्रैल को मनाई जा रही है। तो चलिए इस खास मौके पर पढ़ते हैं भगवान महावीर जी के अनमोल विचार।
महावीर जी के अनमोल विचार (Mahavir Jayanti Quotes)
- महावीर जी ने अपने विचारों दारा सभी को आकर्षित किया, चाहे वह अमीर हो या गरीब, राजा हो या आम आदमी, पुरुष हो या फिर महिला। भगवान महावीर जी ने 'जियो और जीने दो' का संदेश दिया है।
- महावीर जी कहते हैं कि किसी आत्मा की सबसे बड़ी उसके द्वारा अपने असल रूप को न पहचानना होता है। इस गलती को केवल आत्म ज्ञान की प्राप्ति से ही ठीक किया जा सकता है।
- हर जीवित प्राणी के प्रति दया का भाव रखना ही अहिंसा है। घृणा का भाव रखने से मनुष्य का विनाश के अलावा कुछ नहीं मिलता।
- आत्मा इस संसार में अकेली ही आती है और अकेली चली जाती है।
- करुणा और दया ही हमें सच्चे मानव बनाती है। वहीं इसके विपरीत घृणा न केवल स्वयं को दुख देती है, बल्कि दूसरों को भी कष्ट पहुंचाती है।
(Picture Credit: Freepik)
- महावीर जी के अनुसार, जो सभी जीवों को मित्र भाव से देखता है, वही सच्चा साधु है।
- भगवान महावीर के संदेश मुख्य रूप से अहिंसा, सत्य, और त्याग पर आधारित थे। उनका कहना था कि सत्य बोलो, अहिंसा का पालन करो, अपरिग्रह धारण करो।
- प्रत्येक आत्मा स्वयं में सर्वज्ञ और आनंदमय है अर्थात आनंद कोई बाहर से प्राप्त करने वाली वस्तु नहीं है, वह व्यक्ति के अंदर ही होता है।
- असली शत्रु व्यक्ति के भीतर ही होता है और वह शत्रु है व्यक्ति का क्रोध, घमंड, लालच, आसक्ति और नफरत। इसलिए लाखों शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने से बेहतर है कि आप खुद पर विजय प्राप्त करें।
- महावीर जी का मानना था कि अगर कोई व्यक्ति सही दिशा में सर्वोच्च प्रयास करता है, तो वह देवत्व को प्राप्त कर सकता है।
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- महावीर जी का कहना है कि अगर आपने किसी के साथ भलाई की है, तो उसे भूल जाना चाहिए। इसी तररह अगर किसी ने आपका बुरा भी किया है, तो उसे माफ करके आगे बढ़ जाना चाहिए। यही शांति का मार्ग है।
- संसार के सभी जीवित प्राणियों के प्रति सम्मान का भाव रखना ही अहिंसा है।
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