Move to Jagran APP

Mahavir Jayanti 2022: महावीर जयंती आज, जानिए शुभ मुहूर्त, पंचशील सिद्धांत और प्रेरणादायक विचार

Mahavir Jayanti 2022 महावीर जयंती का पर्व आज धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। पंचांग के अनुसार चैत्र मास के त्रयोदशी तिथि को भगवान महावीर का जन्म हुआ था। जानिए महावीर जयंती का शुभ मुहूर्त और मनाने का कारण।

By Shivani SinghEdited By: Published: Wed, 13 Apr 2022 10:45 AM (IST)Updated: Thu, 14 Apr 2022 12:35 PM (IST)
Mahavir Jayanti 2022: महावीर जयंती आज, जानिए शुभ मुहूर्त, पंचशील सिद्धांत और प्रेरणादायक विचार
Mahavir Jayanti 2022: माहवीर जयंती तिथि, मुहूर्त और विचार

नई दिल्ली, Mahavir Jayanti 2022:  हर वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को महावीर जयंती के रूप में मनाया जाता है। महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे जोजैन धर्म के आखिरी आध्यात्मिक गुरु थे। इसलिए जैन समुदाय के लिए महावीर जयंती काफी महत्वपूर्ण होती है। जानिए महावीर जयंती की तिथि, मुहूर्त, सिद्धांत और प्रेरणादायी विचार।

loksabha election banner

भगवान महावीर का बाल्यावस्था में नाम वर्धमान था। उनका जन्म 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व में बिहार के वैशाली के नजदीक में हुआ था। राजा के घर में जन्मे महावीर ने तमाम भौतिक सुविधाओं को त्यागकर 30 वर्ष की आयु में घर छोड़कर 12 साल कठोर तप करके कैवल्य ज्ञान प्राप्त किया और वह तीर्थंकर कहलाएं। उन्होंने दुनिया को सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया।

महावीर जयंती शुभ मुहूर्त

तिथि- 14 अप्रैल, गुरुवार

त्रयोदशी तिथि आरंभ - 14 अप्रैल 2022, सुबह 04.49 बजे से

त्रयोदशी तिथि समाप्त - 15 अप्रैल 2022, सुबह 03.55 बजे तक।

भगवान महावीर के पांच सिद्धांत

भगवान महावीर ने जैन धर्म के पंचशील सिद्धांत बताए। ये सिद्धांत सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, अचौर्य (अस्तेय) और ब्रह्मचर्य है।

कैसे मनाते हैं महावीर जयंती

इस दिन जैन धर्म के अनुयायी सुबह उठकर हर काम में निवृत्त होकर प्रभात फेरी निकालते हैं। इस दिन भगवान महावीर की मूर्ति पालकी में रखकर यात्रा निकाली जाती है।इसके साथ ही इस दिन सोने और चांदी के कलश से भगवान महावीर का जलाभिषेक किया जाता है और शिखरों पर ध्वजा चढ़ाई जाती है।  

भगवान महावीर के प्रेरणादायक विचार

  • ईश्वर का कोई अलग अस्तित्व नहीं है। बस सही दिशा में अपना पूरा प्रयास करके देवताओं को पा सकते हैं।
  • हर आत्मा अपने आप में आनंदमय और सर्वज्ञ है। आनंद हमारे अंदर ही है इसे बाहर ढूंढने की कोशिश न करे।
  • हर एक जीवित प्राणी के ऊपर दया करो। घृणा से केवल विनाश होता है।
  • खुद पर विजय प्राप्त करो। क्योंकि यह एक चीज लाखों शत्रुओं पर विजय पाने से बेहतर है।
  • सत्य के प्रकाश से प्रबुद्ध हो, बुद्धिमान व्यक्ति मृत्यु से ऊपर उठ जाता है। 

Pic Credit- Instagram/nalinig_5

डिसक्लेमर'

इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.