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    Vidur Niti: महात्मा विदुर ने बताया है भगवान के चरणों में स्थान प्राप्ति का सही मार्ग, आप भी जानिए

    By Jagran NewsEdited By: Harshita Saxena
    Updated: Sun, 08 Jan 2023 07:03 PM (IST)

    Vidur Niti विदुर नीति की मानें तो व्यक्ति अगर भगवान के सच्चे दर्शन करना चाहता है तो इसका एकमात्र उपाय है जिसे अपनाने से मनुष्य की ये इच्छा पूर्ण हो सकती है। तो चलिए जानते हैं इस उपाय के बारे में।

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    इस मार्ग पर चल कर होगी भगवान की प्राप्ति

    नई दिल्ली, Vidur Niti: महाभारत काल के महाज्ञानी विदुर लोकप्रिय पात्र हैं। उनकी कही बातें आज भी विदुर नीति के नाम से जानी जाती हैं। यदि कोई व्यक्ति विदुर नीति के हिसाब से अपना जीवन जीता है, तो वह कभी दुखी नहीं रहेगा। महाभारत में धृतराष्ट्र और विदुर के बीच हुई वार्ता को ही विदुर नीति कहा जाता है। बता दें कि विदुर दासी पुत्र थे, इसलिए गुण होते हुए भी उन्हें महाराजा नहीं बनाया गया। इसके बावजूद उन्हें आज भी लोग उनके वचनों की वजह से याद रखते हैं। तो चलिए जानते हैं कि विदुर नीति के मुताबिक ईश्वर की प्राप्ति के लिए व्यक्ति को क्या-क्या करना चाहिए।

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    सत्य की राह पर मिलेंगे भगवान

    महात्मा विदुर का कहना है कि भगवान को प्राप्त करने के लिए सत्य के अलावा कोई और दूसरा मार्ग नहीं है। विदुर के मुताबिक सत्य ही वह मार्ग है, जिस पर चल कर भगवान के दर्शन होते हैं। जिस तरह नाव की जरूरत नदी को पार करने में होती है, उसी तरह सत्य की जरूरत स्वर्ग तक पहुंचने के लिए होती है। उन व्यक्तियों का जीवन सार्थक है, जो ये बात समझते हैं। जो व्यक्ति झूठ बोल कर अपने रिश्तों को जोड़ता है या अपनी आत्मा को संतुष्टि देता है, उसका मन हमेशा अशांत रहता है। ऐसा व्यक्ति मानसिक रूप से कभी सुखी हो ही नहीं सकता है। ऐसे व्यक्ति अपने जीवन का लक्ष्य तक नहीं समझ पाते हैं। व्यक्ति का मन या चित्त तभी शांत रहता है, जब वह सत्य को सच मान कर अपना लेता है। ऐसा करके वह सांसारिक दुखों से मुक्ति पा लेता है।

    आपके पाप का आनंद उठाती है दुनिया

    व्यक्ति पाप करके धन-संपदा बनाता है, पर उससे ज्यादा उसका इस्तेमाल परिवार या रिश्तेदार करते हैं। पाप एक ही व्यक्ति करता है, पर उसका आनंद हर कोई उठाता है। हालांकि जब दोष अपने सिर पर लेने की बारी आएगी तब पाप करने वाला व्यक्ति अकेला रह जाएगा। आनंद उठाने वाले दूर-दूर तक नजर नहीं आएंगे। बता दें कि अपने दोष या पाप की भरपाई आपको इसी जन्म में करनी होगी।

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।