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    Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि व्रत में न करें ये गलतियां, वरना पूर्ण फल से रह जाएंगे वंचित

    महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2025) का त्योहार मुख्य रूप से भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है क्योंकि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी तिथि पर शिव जी संग माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। ऐसे में चलिए जानते हैं कि महाशिवरात्रि व्रत के दिन व्यक्ति को कौन-से कार्य करने से बचना चाहिए अन्यथा उसे भगवान शिव की नाराजगी झेलनी पड़ती है।

    By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Mon, 17 Feb 2025 10:18 AM (IST)
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    Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि के दिन क्यान नहीं करना चाहिए?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। महाशिवरात्रि हिंदू धर्म के मुख्य व्रत-त्योहार में से एक माना गया है। माना जाता है कि महाशिवरात्रि का व्रत करने से साधक को भगवान शिव और माता पार्वती की असीम कृपा की प्राप्ति होती है। हर साल फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर यह त्योहार मनाया जाता है, ऐसे में इस साल महाशिवरात्रि बुधवार, 26 फरवरी को मनाई जाएगी।

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    महाशिवरात्रि पूजा मुहूर्त (Mahashivratri Shubh Muhurat)

    महाशिवरात्रि के दिन पूजा का मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहने वाला है -

    महाशिवरात्रि पूजा मुहूर्त - रात 12 बजकर 09 मिनट से रात 12 बजकर 59 मिनट तक

    शिवरात्रि व्रत पारण समय - 27 फरवरी, सुबह 06 बजकर 48 मिनट से सुबह 08 बजकर 54 मिनट तक

    महाशिवरात्रि के दिन रात के चारों प्रहर भगवान शिव की पूजा करने का विधान है, जिसका मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहने वाला है -

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    • रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय - शाम 06 बजकर 19 मिनट से रात 09 बजकर 26 मिनट तक
    • रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय - रात 09 बजकर 26 मिनट से 27 फरवरी रात 12 बजकर 34 मिनट तक
    • रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय - 27 फरवरी रात 12 बजकर 34 मिनट से प्रातः 03 बजकर 41 मिनट तक
    • रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय - 27 फरवरी 03 बजकर 41 मिनट से सुबह 06 बजकर 48 मिनट तक

    न करें ये गलतियां

    महाशिवरात्रि के व्रत में भूलकर भी नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। इसी के साथ व्यक्ति को दिन में सोना चाहिए, इसी के साथ रात में भगवान शिव का ध्यान, भजन और जागरण करें। इन सभी बातों का ध्यान रखने पर आपको महाशिवरात्रि व्रत का पूर्ण फल मिलता है।

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    न चढ़ाएं ये चीजें

    महाशिवरात्रि के दिन भूल से भी भगवान शिव को टूटे हुए अक्षत, कटे-फटे बेलपत्र के पत्ते अर्पित सिंदूर, तुलसी के पत्ते और केतकी के फूल आदि अर्पित न करें। ऐसा करने से महादेव नाराज हो सकते हैं। महाशिवरात्रि के अलावा और किसी दिन भी ये चीजें शिवलिंग पर अर्पित नहीं करनी चाहिए।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।