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    Mahalakshmi Vrat 2023: कब रखा जाएगा महालक्ष्मी व्रत? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

    By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo Mishra
    Updated: Fri, 01 Sep 2023 03:36 PM (IST)

    Mahalakshmi Vrat 2023 प्रत्येक वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से महालक्ष्मी व्रत का शुभारंभ हो जाता है। यह व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि तक रखा जाता है। इस दौरान माता लक्ष्मी की विधिवत उपासना का विधान है। मान्यता है कि महालक्ष्मी व्रत की अवधि में मां लक्ष्मी की उपासना करने से साधक को सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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    Mahalakshami Vrat 2023 जानिए कब रखा जाएगा महालक्ष्मी व्रत?

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Mahalakshmi Vrat 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से महालक्ष्मी व्रत का शुभारंभ हो जाता है। यह व्रत गणेश चतुर्थी के चार दिन बाद रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महालक्ष्मी व्रत कम से कम 16 दिनों तक रखा जाता है और इसका समापन आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को होता है। मान्यता है कि इस व्रत का विधिवत पालन करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देती हैं। आइए जानते हैं, कब से शुरू हो रहा है महालक्ष्मी व्रत, शुभ मुहूर्त और महत्व?

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    महालक्ष्मी व्रत 2023 तिथि

    हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 22 सितंबर दोपहर 01:35 से शुरू होगी और इस तिथि का समापन 23 सितंबर दोपहर 12:17 पर हो जाएगा। ऐसे में महालक्ष्मी व्रत का शुभारंभ 22 सितंबर 2023, शुक्रवार के दिन होगा। वहीं आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 06 अक्टूबर 2023, शुक्रवार के दिन पड़ रही है, जिस वजह से महालक्ष्मी व्रत का समापन इस दिन होगा।

    महालक्ष्मी व्रत 2023 पूजा विधान

    बता दें कि महालक्ष्मी व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि तक रखा जाता है। इस वर्ष संपूर्ण महालक्ष्मी व्रत की अवधि 15 दिन तक रखा जाएगा। इस दौरान व्रती महिलाएं 15 दिनों तक विधि-विधान से मां लक्ष्मी की उपासना करें और व्रत के नियमों का शक्ति से पालन करें। व्रत के अंतिम दिन एक वस्त्र से मंडप बनाएं और उसमें लक्ष्मी जी की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराएं और विधिवत उपासना करें। माता लक्ष्मी को चंदन, पुष्प, अक्षत, दूर्वा, लालसूत, सुपारी नारियल, फल इत्यादि अर्पित करें। साथ ही पूजा के अंत में किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद को भोजन कराएं और सामर्थ्य अनुसार, दक्षिणा देकर घर से विदा करें।

    महालक्ष्मी व्रत का महत्व

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो साधक सफलतापूर्वक 15 दिनों तक महालक्ष्मी व्रत का पालन करता है, उन्हें जीवन में सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही माता लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है और घर में आर्थिक संकट आता है। इसके साथ इस दौरान की गई उपासना का साधक को पूर्ण फल प्राप्त होता है।

    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहे।