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    Mahakumbh 2025 Shahi Snan Date: कब है महाकुंभ का पहला शाही स्नान, क्या है शुभ मुहूर्त?

    Updated: Sun, 22 Dec 2024 12:39 PM (IST)

    वर्ष 2025 में महाकुंभ का आयोजन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हो रहा है। इस बार महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी (Mahakumbh 2025 Date) से होगी। वहीं इसका समापन अगले महीने यानी 26 फरवरी को होगा। इस दौरान शाही स्नान की तिथि पर स्नान करने का विशेष महत्व है। ऐसे में आइए जानते हैं महाकुंभ का पहला शाही स्नान कब है?

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    महाकुंभ में स्नान करने से पापों से मिलता है छुटकारा (Pic credit- AI)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। महाकुंभ को भारतीय संस्कृति का प्रमुख धार्मिक आयोजन माना जाता है। इसका आयोजन बड़े स्तर पर प्रयागराज, नासिक, उज्जैन और हरिद्वार में होता है। इस मेले का साधु संत और श्रद्धालु बेसब्री से इंतजार करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि महाकुंभ में स्नान करने से इंसान को जीवन में किए गए पापों से छुटकारा मिलता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही आत्मा और शरीर की शुद्धि होती है।

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    वर्ष 2025 में महाकुंभ (Mahakumbh Shahi Snan 2025 Date) प्रयागराज में लग रहा है। धार्मिक दृष्टि से इसका विशेष महत्व है, क्योंकि प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती का मिलन होता है। इसी वजह से त्रिवेणी संगम को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। महाकुंभ में अखाड़ों के साधु संतों को स्नान के लिए पालकी पर बेहद सम्मान के साथ लेकर जाते हैं। उस दौरान बेहद खास तरीके से शोभा यात्रा निकाली जाती है। इसको शाही को स्नान कहा जाता है।

    महाकुंभ में सबसे पहले साधु संत शाही स्नान करते हैं। इसके बाद श्रद्धालु स्नान करते हैं। ऐसी मान्यता है कि महाकुंभ के समय ग्रह और नक्षत्रों की खास स्थिति की वजह से संगम का पानी चमत्कारी हो जाता है। तभी शाही स्नान करने का विधान है। अगर आप भी महाकुंभ में शाही स्नान करने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो ऐसे चलिए इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि महाकुंभ में पहले शाही स्नान की डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में।  

    (Pic credit- AI)

    शाही स्नान 2025 डेट और टाइम (Shahi Snan 2025 Date and Time)

    पंचांग के अनुसार, पौष पूर्णिमा की शुरुआत 13 जनवरी को सुबह 05 बजकर 03 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 14 जनवरी को देर रात 03 बजकर 56 मिनट पर होगा। ऐसे 13 जनवरी (Kab hai Shahi Snan 2025) को पौष पूर्णिमा मनाई जाएगी। इसी दिन महाकुंभ का पहला शाही स्नान किया जाएगा।

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 27 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 15 मिनट से 02 बजकर 57 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 42 मिनट से 06 बजकर 09 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 03 मिनट से 12 बजकर 57 मिनट तक।

    यह भी पढ़ें: Mahakumbh 2025: आखिर क्यों महाकुंभ में त्रिवेणी संगम पर किया जाता है शाही स्नान? खास है इसकी वजह

    इन नियम का करें पालन

    महाकुंभ के शाही स्नान के समय कुछ नियमों का पालन करना अधिक जरुरी होता है। माना जाता है कि नियमों को नजरअंदाज करने से इंसान को स्नान का शुभ फल प्राप्त नहीं होता है। एक बात का खास ध्यान रखें कि शाही स्नान करते समय साबुन और शैंपू का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। स्नान करने के बाद श्रद्धा अनुसार विशेष चीजों का दान गरीब लोगों में करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से इंसान को जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा दीपदान करना भी अधिक फलदायी माना गया है।  

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।